सेटेलाइट ने खोली चीन के खतरनाक तस्वीरों की पोल, एलओसी पर ड्रैगन ने बनाया अड्डा

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चीनी सेना ने गलवां घाटी में एलएसी पर पक्के निर्माण कर रखे हैं।  इसी तरह कोंका दर्रे में भी चीन की लाल सेना का अड्डा नजर आ रहा है। दोनों देशों के बीच पीछे हटने पर सहमति के बावजूद चीन धोखेबाजी से बाज नहीं आ रहा है। चीन ने उल्टे भारत पर गलवां में झड़प का आरोप लगा शांति का उपदेश दिया।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सेनाओं को पीछे हटाने पर बनी सहमति के एक दिन बाद चीन के रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय ने नई कूटनीतिक चाल चलते हुए गलवां घाटी में हुई झड़प के लिए भारत को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया है।
चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू कियान ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि सीमावर्ती इलाकों में शांति और स्थिरता कायम रहेगी। सीमा पर भारत ने एकतरफा कार्रवाई की जिससे हिंसा हुई। कियान ने कहा, भारत-चीन सीमा पर हुए संघर्षों की पूरी जिम्मेदारी भारतीय पक्ष की है। गलवां घाटी में हिंसा की घटना भारतीय पक्ष के एकतरफा उकसावे की कार्रवाई और दोनों पक्षों के बीच हुई आपसी सहमति के उल्लंघन की वजह से हुई है।
वू ने कहा, चीन और भारत एक दूसरे के महत्वपूर्ण पड़ोसी हैं, ऐसे में सीमा क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखना दोनों पक्षों के साझा हितों में है और इसके लिए दोनों पक्षों के संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, चीनी सेना कोरोना वायरस के कम होने के साथ ही युद्ध की तैयारी के लिए जमीनी स्तर पर प्रशिक्षण को बढ़ा रही है। पीएलए के तिब्बत मिलिट्री कमांड ने हाल ही में पठारी इलाकों में लाइव फायर ड्रिल किया था। इसके जरिए सैनिकों की संयुक्त युद्ध क्षमता को परखा गया। यह ड्रिल नियमित रूप से हो रही है और किसी अन्य देश के खिलाफ नहीं है।
इससे पहले चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने आरोप लगाते हुए कहा, भारतीय पक्ष ने द्विपक्षीय समझौतों और अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन किया।
R J दीपक वर्मा✍️

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