लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर संघर्ष के हालात पैदा होने के बाद एयरफोर्स के
बरेली स्थित त्रिशूल एयरबेस में हलचल बढ़ गई है।
एयरबेस के आसपास स्थित कालोनियों में रहने वाले लोगों की नींद बुधवार सुबह फाइटर प्लेनों की उड़ानें भरने की आवाजों की टूटी।
आसपास रहने वाले लोगों का कहना है
कि त्रिशूल एयरबेस से बुधवार सुबह छह बजे से लेकर नौ बजे के बीच तीन सुखोई विमान ने उड़ान भरी।
हालांकि सैन्य अफसर सुरक्षा कारणों का हवाला देकर इस बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर रहे हैं।
अलबत्ता एयरबेस में खासी हलचल है और उसके
आसपास के हिस्से में सुरक्षा तंत्र को और भी मजबूत कर दिया गया है। एयरबेस से जुड़े सभी अफसरों और सैन्य कर्मियों के अवकाश भी रद्द कर दिए गए हैं।
एयरबेस के आसपास रहने वालों ने बताया कि बुधवार सुबह छह बजे से
नौ बजे के बीच तीन फाइटर प्लेन के उड़ान भरने की आवाजें उन्होंने सुनीं हैं।
एयरबेस के पास स्थित सनसिटी विस्तार के निवासियों ने बताया
कि लंबे अर्से के बाद उन्हें त्रिशूल एयरबेस में इस तरह की हलचल दिखी है।
केंद्रीय खुफिया एजेंसियों और सेना की इंटेलीजेंस विंग ने एयरबेस के आसपास मूवमेंट बढ़ा दिया है। सैन्य
अफसरों ने क्यूआरटी को लगातार 24 घंटे मूवमेंट में रहने के निर्देश दिए हैं। एयरबेस के आसपास कोई भी
संदिग्ध दिखने पर उससे पूछताछ करने के निर्देश हैं।
वहीं एयरबेस की दीवार फांदकर यदि कोई अंदर प्रवेश करने की कोशिश करता है
तो उसे एक वार्निंग देकर उस पर शस्त्र प्रयोग के निर्देश भी दिए गए हैं।
एयरबेस के आसपास सादा वर्दी में भी सैन्य जवान निगरानी में लगाए गए हैं।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी और भारतीय सैनिकों में हुई झड़प के बाद उत्तर
प्रदेश से सटी भारत-नेपाल की खुली सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है। हालांकि चीन की सीमा भारत के नेपाली
एरिया से काफी दूरी पर है लेकिन इसके बाद भी एसएसबी कमांडेंट मुन्ना सिंह ने जवानों को नेपाल बॉर्डर पर सख्ती बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
चीन से नेपाल बॉर्डर और नेपाल बॉर्डर से भारत बॉर्डर सटा होने के कारण भारत की तरफ से सीमा पर सख्ती बढ़ा दी गई है।
भारत-नेपाल की 1751 किलोमीटर लंबी खुली सीमा है।
इस बावत 39वीं वाहिनी एसएसबी कमांडेंट मुन्ना सिंह ने बताया कि बफर स्टेट नेपाल देश होने के कारण भारत-नेपाल सीमा पूर्णतया सुरक्षित है।
भारत-नेपाल की सीमा पर पेट्रालिंग व चौकसी बढ़ा दी गई है।
इस बीच सीमा पर किसी भी तरह की समस्या होने
पर वाहिनी मुख्यालय के 24 घंटे संचालित नियंत्रण कक्ष को सूचित
करने और उच्चाधिकारियों के दिशा-निर्देशों के अनुसार समस्या को शांतिपूर्वक हल करने के निर्देश दे दिए गए हैं।
एसएसबी का कहना है कि कि भारत व नेपाल की सीमा धारचूला के पास मिलती है
जहां पर रानीखेत फ्रंटियर की 11 वाहिनी कार्यरत है वहां पर भी शांति का माहौल है।
उन्होंने बताया कि धारचूला से लेकर सिलीगुड़ी फ्रंटियर तक नेपाल की सीमा पड़ती है
जिसकी सुरक्षा सशस्त्र सीमा बल कर रही है। यह बल भारत भूटान की 699 किलोमीटर लंबी सीमा की सुरक्षा भी संभाल रहा है।
तिकुनियां में नेपाल सीमा पर सीओ प्रदीप वर्मा निघासन ने एसएसबी के साथ
मोहाना नदी नाव से पार कर सीमा पिलर का निरीक्षण भी किया।
उन्होंने बताया कि सभी पिलर सुरक्षित हैं। सीमा पर शांति व्यवस्था कायम है।
फिलहाल अधिकारियों के दिशा-निर्देशन में सीमा पर पेट्रोलिंग का अभियान जारी रहेगा।
इस दौरान नेपाल पुलिस के इंस्पेक्टर चंद्र देव भट्ट भी मौजूद रहे।
वहीं शासन के आदेश पर पीलीभीत से सटी नेपाल सीमा पर भी चौकसी बढ़ा दी गई है। एडीजी ने बताया कि एसएसबी के साथ पुलिस को भी मूवमेंट बढ़ाने के लिए कहा गया है। खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय कर दी गई हैं। कम्युनिस्ट सरकार बनने के बाद से नेपाल इन दिनों चीन के प्रभाव में है। चीन से भारत के रिश्ते खराब होने के बाद भारतीय और चीन के सैनिकों के बीच झड़प में करीब बीस भारतीय सैनिक शहीद हुए हैं। चीन के इससे ज्यादा सैनिक मारे गए हैं। ऐसे में चीन दबाव बनाने के लिए कोई नई चाल चल सकता है। ऐसे में नेपाल सीमा से खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
आशंकाओं को सही साबित करते हुए एक सप्ताह के भीतर बुधवार को तीसरा टिड्डी दल जिले की सीमा में दाखिल हो गया। मध्य प्रदेश के इंदरगढ़ से होते हुए करोड़ों कीटों ने अचानक मोंठ इलाके के कई गांवों में हमला बोला। हालांकि, इससे निपटने के लिए प्रशासनिक अमला और ग्रामीण पहले से ही तैयार थे। टिड्डियों के पहुंचते ही शोर मचाना शुरू कर दिया गया। डीजे साउंड की आवाज से इन्हें भगाया गया तो ग्रामीणों ने बगैर साइलेंसर के ट्रैक्टर भी टिड्डियों के पीछे दौड़ाए। शाम तक टिड्डियों का दल बघेरा में आसमान में मंडराता नजर आया। रात को इसके बैठने पर रसायन का छिड़काव किया गया।