उत्तर प्रदेश में अगले 7 दिन तय करेंगे लॉक डाउन का भविष्य

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कोरोना महामारी के कारण लागू लॉकडाउन में एक माह से अधिक गुजार चुके उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए पाबंदी की चुनौतियां अभी खत्म नहीं हुई हैं। प्रदेशवासियों के संयम और अनुशासन के अलगे सात दिन तय करेंगे कि चार मई से यूपी में लॉकडाउन खुलेगा या नहीं। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार इशारा कर चुकी है कि जब तक किसी भी जिले में संक्रमण रहेगा, तब तक लॉकडाउन खोलना चुनौतीपूर्ण होगा।
कोरोना संक्रमण पर रोकथाम के लिए यूपी सरकार लगातार प्रयासरत कर रही है। करीब दस जिले कोरोनामुक्त हो भी चुके हैं, लेकिन 18 जिले संवेदनशील श्रेणी में हैं। यहां संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए सरकार रणनीति बना रही है। इसी बीच पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अधिकारियों से स्पष्ट कह दिया था कि एक भी जिले में कोरोना के केस रह जाएंगे, तो लॉकडाउन खोलना हमारे लिए मुश्किल भरा रहेगा। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्र सरकार भले ही चार मई लॉकडाउन खोल दे, लेकिन यूपी में इसकी अवधि कुछ बढ़ाई जा सकती है।
हालांकि, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने स्पष्ट कहा है कि तीन मई तक पूरी तरह सख्ती से लॉकडाउन का पालन कराया जाएगा। प्रयास यही है कि एक भी कोरोना का केस न रहे। फिर तीन मई को बैठक कर समीक्षा की जाएगी और उसी के बाद कोई निर्णय किया जाएगा। नोडल अधिकारियों के फीडबैक पर बनाएं रणनीति : योगी सरकार अब संवेदनशील 18 जिलों के लिए खास रणनीति बनाने की तैयारी में है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य व पुलिस महानिदेशक को सभी 18 संवेदनशील जिलों के नोडल अधिकारियों से फीडबैक लेने और कोरोना के बढ़ते मामलों पर प्रभावी नियंत्रण के निर्देश दिए।
मेडिकल वेस्ट का भी निस्तारण कराएगी डेडिकेटेड टीम लोकभवन में पत्रकारों से बातचीत में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि हर जिले में डेडिकेटेड टीम का गठन कर चिकित्सा कर्मियों के बीच संक्रमण रोकने का प्रयास शुरू किया गया है। इस टीम में एक पर्यावरण इंजीनियर को भी शामिल किया गया है,
जो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण का काम करेगा। दूसरे राज्यों से वापस लाए 9800 प्रदेशवासी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर हरियाणा और उत्तराखंड से उत्तरप्रदेश के लोगों को लाने का कार्य शुरू हो गया है। शनिवार को 2200 और अब तक 9800 लोगों को वापस लाया गया है। कुछ लोग रास्ते में भी हैं।

 

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