जानिए किस उम्र के लोगों के लिए घातक है कोरोनावायरस, एक स्टडी के अनुसार खास रिपोर्ट

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दुनिया भर में खौफ का दूसरा नाम अब कोरोना है। मेरठ में अब तक मिले कोरोना के 74 मरीजों पर की गई स्टडी में इसके खौफ को लेकर दो बातें साफ हुई हैं। एक अच्छी और एक बुरी। बुरी यह है कि यह कोरोना बड़ा बेरहम है
… उम्र कतई नहीं देखता है और अगर पहले से बीमार हैं व उम्रदराज हैं तो हो सकता है कि ये आपको न बख्शे। अच्छी बात यह है कि सेहतमंद और युवाओं से यह आसानी से हार जाता है। ऐसे में जरूरत सावधानी और रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने की है।
स्टडी के अनुसार कोरोना के तीन मरीजों की मौत हुई है, जो सिर्फ चार प्रतिशत है। 96 प्रतिशत ठीक हो सकते हैं, जिनमें से 23 प्रतिशत ठीक हो भी चुके हैं। मरीजों में कुल 73 प्रतिशत पुरुष और 27 प्रतिशत महिला वर्ग के हैं।
16 प्रतिशत बच्चे-किशोरावस्था वाले हैं। इनमें चार साल से लेकर 16 साल तक के बच्चे, किशोर और किशोरियां शामिल हैं। जिन तीन लोगों की मौत हुई है उनकी उम्र 52, 57 और 72 साल है। ये तीनों ही पहले से बीमार थे। शुगर और हृदय रोग के मरीज थे। ऐसे में उम्रदराज लोगों का खास ध्यान रखने की जरूरत है।

कोरोना के मरीज का करीबी कमजोर कड़ी –

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता का कहना है कि मरीजों पर रखी जा रही गहन निगरानी में यह बात भी पता चल रही है कि यह ज्यादा उसी व्यक्ति पर हमला करता है जो कोरोना के मरीज के ज्यादा करीब रहते हैं।
अगर सोशल डिस्टेंसिंग रखी जाए और थोड़ी सी सावधानी बरती जाए तो इससे आसानी से बचा जा सकता है। डॉ. गुप्ता ने बताया कि जो 17 मरीज अब तक ठीक हुए हैं वह 12 साल से लेकर 60 साल तक के हैं।
इनमें अधिकांश युवा हैं। इन सभी ने कोरोना होने के बाद पूरी सावधानी बरती और ठीक हो गए। अगर मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है तो वह इसे आसानी से मात दे सकता है

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