योगी आदित्यनाथ ने UP आए 5 लाख श्रमिकों को रोजगार देने के लिए समिति बनाने को कहा

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लखनऊ. कोविड-19 के संक्रमण को तेजी से फैलने से रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन जारी है. इस स्थिति लाखों प्रवासी मजदूर जगह-जगह फंस गए हैं. जो घर पहुंच चुके हैं, उनके पास भी कोई कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण कोई रोजगार नहीं है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन श्रमिकों को राहत देने की कोशिश की है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि पिछले 45 दिनों में राज्य में आए 5 लाख श्रमिकों को रोजगार देने के लिए एक समिति का गठन किया जाए. अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने रविवार को यह जानकारी दी. सीएम ने देश के विभिन्न हिस्सों से पिछले 45 दिनों में राज्य में आए श्रमिकों के हित में यह फैसला लिया है.

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए उठाया गया कदम

अवस्थी ने कहा कि, सीएम ने यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए उठाया है. कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में समिति में प्रमुख सचिव ग्राम विकास, प्रमुख सचिव पंचायती राज, प्रमुख सचिव कौशल विकास, प्रमुख सचिव एमएसएमई शामिल होंगे. महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पादन को वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट (ODOP) के तहत दर्ज किया जाएगा. हर गर्भवती महिला के लिए डोर स्टेप खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है. रविवार को 5 बजे CM की वीडियो कॉन्फ्रेंस से होने वाली मीटिंग में तय होगा कि किस तरह से लघु उद्योगों को खोला जाए.

10 कोरोना केस वाले जिलों में नहीं खोले जाएंगे उद्योग

रविवार को 5 बजे CM की वीडियो कॉन्फ्रेंस से होने वाली मीटिंग में तय होगा कि किस तरह से लघु उद्योगों को खोला जाए. उद्योगों को कैसे चलाया जाए यह जिला लेवल के अधिकारी तय करेंगे. जिन जनपदों में 10 या 10 से अधिक कोविड-19 के पॉजिटिव केस हैं, वहां उद्योग नहीं खोलने का निर्देश है. जो डॉक्टर इलाज कर रहे हैं उनको PPE किट और N-95 मास्क उपलब्ध कराया जाए. हर हालत में हॉटस्पॉट के इलाकों में जरूरी सामानों की डिलीवरी करने के निर्देश दिए गए हैं.

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