20 अप्रैल से खुलेंगे उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालय

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योगी आदित्यनाथ सरकार ने आज इस बाबत आदेश जारी किया है। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी के निर्देश के अनुसार इस दौरान भी फिजिकल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। सोमवार से ऑफिस में विभागाध्यक्ष के साथ ही समूह क तथा ख के कर्मचारी आएंगे। इस दौरान विभाग के सिर्फ 33 प्रतिशत कर्मियों को बुलाया जाएगा। जरूरत पडऩे पर समूह ग तथा घ के कर्मियों को भी बुलाया जा सकता है। इस दौरान सुरक्षा मानकों का पूरा ध्यान रखने के भी निर्देश हैं।
 कोरोना वायरस के संक्रमण काल में अभी पुलिस, होमगार्ड, सिविल डिफेंस, अग्निशमन के साथ स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन, कारागार तथा नगर निकाय बिना किसी प्रतिबंध के यथावत अपने कार्य को सम्पादित करेंगे।
इनके अलावा अब प्रदेश के सभी कार्यालयाध्यक्ष/विभागाध्यक्ष तथा समूह क तथा ख के सभी अधिकारी 20 अप्रैल से कार्यालय में उपस्थित रहेंगे। सभी कार्यालयों में प्रत्येक कार्यदिवस पर समूह ग एवं घ के यथावश्यक, 33 प्रतिशत तक के कार्मिकों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने की व्यवस्था के लिए शीर्ष अधिकारी के स्तर से उनकी कार्यालय में आवश्यकता का निर्धारण करने के बाद रोस्टर तय किया जाएगा।
सरकार की तरफ से शीर्ष अधिकारियों को सुझाव दिया गया है कि वह अपने यहां कार्यरत कर्मचारियों का रोस्टर इस प्रकार ने बना लें कि कर्मी अल्टरनेट दिवस में तो आएं, लेकिन सरकार का कोई काम बाधित न हो। कार्यालय में काम की अवधि में फिजिकल डिस्टेंसिंग के साथ अन्य सुरक्षात्मक उपायों का पूरा ध्यान रखा जाए।
रोस्टर के अनुसार घर से कार्य सम्पादित कर रहे सभी कर्मी अपने मोबाइल एवं इलेकट्रानिक साधनों से कार्यालय के सम्पर्क में रहेंगे। जिससे कि जरूरत पडऩे पर उनको कार्यालय बुलाया जा सके। जिला प्रशासन भी इस दौरान ट्रेजरी के काम के लिए कर्मियों को शासकीय कार्य के लिए नियोजित करे।
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के राज्य रेजीडेंट कमिश्नर कार्यालयों को भी कोविह-19 के संबंध में तथा कम्युनिटी किचेन संचालन के लिए प्रतिबंधों के साथ खोला जाएगा। वन विभाग के कर्मी जो प्राणी उद्यान के संचालन एवं प्रबंधन पौधशाला वन्यजीव जंगलों में अग्नि रोधी उपाय के कार्यों तथा पेट्रोलिंग एवं आवश्यक वाहन सेवाओं से जुड़े हैं वे अपने कार्य को संपादन करते रहेंगे।
संक्रमण से प्रभावित क्षेत्रों (हॉटस्पॉट एरियाज) में कार्यालयों को बंद किए जाने के संबंध में जिला प्रशासन के स्तर से पृथक से निर्णय लिया जाएगा। यह दिशानिर्देश उन कर्मचारियों पर लागू नहीं होंगे जो ऐसी आकस्मिक एवं आवश्यक सेवाओं से जुड़े हैं तथा Covid-19 के रोकथाम में प्रत्यक्ष भूमिका अदा कर रहे हैं।

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