गोरखपुर: सिकटौर गांव के लोग जो कर रहे गंभीरता से लॉकडाउन का पालन, सड़कें ब्लॉक कर पड़ोसियों के भी आने जाने पर लगाई रोक

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गोरखपुर। गोरखपुर में एक गांव है सिकटौर, जिसने खुद को पूरी तरह से लॉकडाउन कर लिया है। प्रधान लोगों को जागरूक करने के लिए हर दिन अपनी गाड़ी पर लाउडस्पीकर बांधकर निकल पड़ते हैं। ये सिलिसला देर शाम तक चलता है।

जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर उत्तर दिशा में सात टोले का गांव सिक्‍टौर है। काफी बड़ा गांव होने के कारण यहां लॉक डाउन का पालन कराना बेहद ही मुश्किल काम है। लेकिन, यहां के ग्रामीणों ने लॉकडाउन और सोशल डि‍स्‍टेंसिंग का पालन करके पूरे देश के लिए नजीर पेश की है।

ग्रामीणों ने चौपाल बंद कर दी है। वहीं, गांव में आने वाली सभी सड़क को ब्‍लॉक कर दिया है। गांव में किसी भी बाहरी व्‍यक्ति का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित है।

रिश्तेदारों व पड़ोसियों के आने पर पूरी तरह से प्रतिबंध

  • गांव निवासी शिक्षिक डॉ. अपूर्वा सिंह ने बताया- कोरोनावायरस का संक्रमण हमारे गांव तक न पहुंचे, इसलिए पूरी ऐहतियात बरती जा रही है। लोगों ने अपने घर के दरवाजे पर ताला लगा दिया है। लॉकडाउन के बाद से न तो कोई बाहर गया न ही कोई गांव के भीतर आया है।

  • बुजुर्ग रामरती ने घर के बैठक कक्ष में ताला लगा रखा है। वे बताते हैं- गांव में रिश्‍तेदारों और पड़ोसियों के आने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। सोशल डिस्‍टेंसिंग का भी पालन किया जा रहा है। गांव के बाहर से आने वाले लोगों को स्‍कूल में 14 दिन के लिए आइसोलेशन में रहना पड़ रहा है। उन्‍हें गांव और घर में आने पर मनाही है।

  • प्रमोद कुमार चौहान सिक्‍टौर के रहने वाले हैं। उन्‍होंने बताया कि गांव में बाहरी व्‍यक्ति के प्रवेश को रोकने के लिए बैरिकेटिंग किया गया है। उसके आधार कार्ड और अन्‍य माध्‍यमों से उसका परिचय लिया जा रहा है। बाहर से कमाकर लौटने वाले लोगों को 14 दिन के लिए स्‍कूल में रखा गया है।

सैनिटाइजेशन कराया जा रहा गांव

गांव के प्रधान रमेश चौहान अपने चारपहिया वाहन से रोज सुबह 6 बजे ही अपने घर से निकल पड़ते हैं। उन्होंने बताया- गांव और खेत के साथ बाजार में भी ग्रामीण जागरूक हैं। बाहर से आने वाले लोगों को स्‍कूल में क्‍वारैंटाइन किया जा रहा है। सैनिटाइजेशन का काम किया जा रहा है। मेहमान और बाहर से आने वाले लोगों को रोका जा रहा है।

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