यूपीः कासगंज में धार्मिक स्थल पर अराजकतत्व ने कोशिश की माहौल बिगाड़ने की

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कासगंज के समीपवर्ती क्षेत्र के अमरपुर घाट भैसोरा तिराहे पर शिव मंदिर के बाहर लगी शनिदेव मंदिर की मूर्ति को एक शराबी युवक ने खंडित कर दिया।
जिससे लोगों में आक्रोश फैल गया।
मूर्ति के टूटने की घटना से इलाके की शांति व्यवस्था को पलीता लगने से बच गया।
पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद उसको गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
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भैंसोरा तिराहे पर शिव मंदिर के बाहर शनिदेव की मूर्ति लगी हुई है।
सोमवार की रात्रि को मनोज निवासी नगला अस्तल शराब के नशे में धुत होकर वहां पहुंच गया
और रात में वहीं सो गया। रात्रि लगभग चार बजे उसने मूर्ति को तोड़कर खंडित कर दिया।
वहीं पास में ही खोखा आदि पर सो रहे अन्य लोगों ने उसे ऐसा करते देख लिया।
जिससे वे दौड़कर उसके पास पहुंच गए और उसको दबोच लिया,
लेकिन युवक अपने को चंगुल से छुड़ाकर भाग गया। उसका मोबाइल वहीं गिर गया।
जब लोगों को शनिदेव की मूर्ति खंडित कर दिए जाने की जानकारी हुई तो उनमें काफी आक्रोश फैल गया।
 मनोज राघव निवासी भेंसोरा खुर्द ने मोबाइल के साथ कोतवाली पहुंचकर पुलिस को मामले की जानकारी दी।
इस जानकारी के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई।
आक्रोशित लोग आरोपी की गिरफ्तारी एवं नई मूर्ति लगवाने की मांग करने लगे।
सूचना पर उपजिलाधिकारी ललित कुमार, क्षेत्राधिकारी आईपी सिंह,
तहसीलदार अजय कुमार भी मौके पर पहुंच गए।
अधिकारियों ने लोगों को समझा बुझाकर शांत कराया।
नई मूर्ति लगवाए जाने का भरोसा दिया।
पुलिस ने शनिदेव की खंडित मूर्ति को अपने कब्जे में लेकर गंगा में विसर्जन के लिए भेज दिया।

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पुलिस ने तहरीर के आधार पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।
इसके बाद पुलिस ने दविश देकर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
सांय के समय नई मूर्ति को स्थापित करा दिया गया।

की यह पहली घटना नहीं हैं। शहर के मालगोदाम चौराहा, लैला मजनू बाग,

किशोरपुर, ततारपुर, एवं सोरो क्षेत्र में कई बार मूर्तियों को क्षतिग्रस्त करने की घटनाएं हो चुकी हैं।

मंदिरों की सुरक्षा को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई जाती।
तमाम मंदिर ऐसे हैं जो रात के समय खुले ही रहते हैं।
सुरक्षा की दृष्टि से इंतजाम नहीं किए जाते।
जबकि मंदिरों में चोरी आादि की घटनाएं तो कर्ई बार हो चुकी हैं।
साधुओं की हत्याओं के मामले भी हो चुके हैं।
पुलिस भी रात को गस्त के दौरान प्रमुख मागों पर ही ध्यान देती है।
कुछ मंदिरों में ही रात के समय ताले लगाने की व्यवस्था रहती है।

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