UN रिपोर्ट: 2006 से 2016 के बीच 27 करोड़ भारतीय आए गरीबी से बाहर

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संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट सामने आई है जिसके मुताबिक भारत में वर्ष 2006 से 2016 के बीच 27.10 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं. स्वच्छता, पोषण जैसे बुनियादी क्षेत्रों में सुधार के साथ गरीबी सूचकांक में इन दस सालों में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है.

UN रिपोर्ट

गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम और ऑक्सफोर्ड पावर्टी एंड ह्यूमन डेवेलपमेंट इनीशिएटिव का पूरे विश्व की गरीबी पर तैयार किया गया गरीबी सूचकांक जारी किया गया. 101 देशों के 1.3 अरब लोगों पर रिसर्च करके रिपोर्ट पेश की गई. 2 देश बड़ी आय वाले, 68 देश सामान्य आय वाले और 31 देश न्यूनतम आय वाले इस रिसर्च में शामिल किए गए.
इन 10 देशों पर की गई रिसर्च
ये रिसर्च सिर्फ आर्थिक स्थिति या आय के आधार पर नहीं बल्कि इन देशों में स्वास्थ्य, काम, और हिंसा की स्थिति पर भी की गई थी. गरीबी नापने के लिए दो अरब की आबादी के साथ 10 देशों से आंकड़े लिए गए. ये 10 देश हैं भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, कंबोडिया, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, इथियोपिया, हैती, नाइजीरिया, पेरू और वियतनाम. इन सभी देशों की गरीबी में कमी दर्ज की गई.
भारत ने स्वच्छता, पोषण, स्कूली शिक्षा, बिजली, स्कूल में उपस्थिति, घर, खाना बनाने का ईंधन और संपत्ति के मानकों पर गरीबी से बाहर आने में बेहतर प्रदर्शन किया. रिपोर्ट में बताया गया कि सबसे ज्यादा विकास दक्षिण एशिया में हुआ. भारत में 27.10 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले.

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