थाईलैंड: एक महिला ने कराया स्पा, तो इन्फेक्शन फैलने से काटनी पड़ गयीं पैर की उंगलियां

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नई दिल्ली। महानगरों और मेट्रो सिटीज में कई प्रकार के मसाज और स्पा काफी फेमस हुए हैं। अक्सर लोग बिजी शेड्यूल से रिलेक्स पाने के लिए इस तरह की सेवाओं का लुत्फ उठाते हैं लेकिन

थाईलैंड

अब सोशल मीडिया में एक महिला ने इसके खिलाफ मुहिम चलाई है. ये महिला ऑस्ट्रेलिया से थाईलैंड घूमने आई थी, जहां उसने फिश स्पा कराया था।
लोग अगर थाईलैंड घूमने जाते हैं तो मसाज और स्पा का आनंद जरूर उठाते हैं। इजराइल में लोग स्नेक मसाज और टोक्यो में घोंघो फेशियल भी काफी मशहूर है। भारत में भी तरह-तरह के इत्रों, तेलों से किए जाने वाले पारंपरिक मसाज उपलब्ध हैं।
कई सामान्य, और कई अजीबो गरीब स्पा के तरीकों में से एक ‘फिश स्पा’ भी है. जिसमें मछली पांव के डेड सेल्स खाती है. पिछले कुछ सालों से पेडीक्योर का ये तरीका लोगों को बहुत पसंद आ रहा है।
29 साल की विक्टोरिया 2010 में अपने देश ऑस्ट्रेलिया से थाइलैंड घूमने गई थीं। उसने फिश पेडिक्यॉर पहली बार देखा. सलून में जाकर फिश स्पा ट्राई कर लिया।
बाद में जब ऑस्ट्रेलिया पहुंची तो पांव में इंफेक्शन हो गया। इंफेक्शन इतना फैला कि पांव की सारी अंगुलियां ही काटनी पड़ गईं।
2006 में विक्टोरिया के पैर में कांच चुभ गया था. तब पैर में इंफेक्शन हुआ लेकिन इलाज करवाने के बाद ठीक हो गया. जब 2010 में विक्टोरिया थाइलैंड घूमने गईं. तो वहां फिश पेडिक्यॉर करवाया।
वापस लौटीं तो बुखार आने लगा. डॉक्टर ने बहुत टेस्ट करवाए. एक साल बाद पता चला कि विक्टोरिया को ‘ऑस्टियोमाइलाइटिस’ हो गया है।
इसके बाद विक्टोरिया ने लोगों को फिश स्पा से होने वाले नुकसान के प्रति लोगों को जागरूक करना शुरू कर दिया. वो इंस्टाग्राम पर अपना अनुभव लोगों से साझा करते हुए अपने पांव की तस्वीर शेयर करती हैं और लिखती हैं,
जब मैं स्पा के लिए गई थी तब टैंक को मेरे सामने ही साफ किया गया. फिर भी मुझे बोन इंफेक्शन हो गया. खुद डॉक्टर्स को बीमारी का पता लगाने में एक साल लगा. चलने फिरने में बहुत तकलीफ होती थी।
सर्जरी के बाद आराम मिला. पहले पांव को देखकर बहुत बुरा लगता था. मगर इस दुनिया में लोगों को मुझसे भी ज्यादा भयानक बीमारियां हैं. मैं खुशनसीब हूं कि मुझे कोई ज्यादा बड़ी बीमारी नहीं हुई।
दरअसल, ये ‘ऑस्टियोमाइलाइटिस’ नामक बीमारी हड्डियों से संबंधित है. इस बीमारी से हड्डियों में इंफेक्शन हो जाता है. विक्टोरिया भी इसी बीमारी के जद में आ गई थी। विक्टोरिया के पैर के अंगूठे की हड्डी गल चुकी थी. डॉक्टर ने उन्हें अंगूठा कटवाने की सलाह दी।
अंगूठा कटवाने के बाद भी जब आराम नहीं मिला, तो पांव की सारी अंगुलियां ही काटनी पड़ गईं. अब विक्टोरिया का कहना है कि, जिस टैंक में वो पांव डाले हुई थी उसके पानी में बैक्टीरिया थे जिसने 2006 में हुए इन्फेक्शन को दोबारा पैदा कर दिया था।
नाम जितना सुनने में मुश्किल और अनसुना सा लग रहा है ये मेडिकल साइंस में उतना ही असामान्य नाम भी है. इस बीमारी में हड्डियों में इंफेक्शन हो जाता है. हड्डियों का एक हिस्सा प्रभाव में आ जाने के बाद ये शरीर की पूरी हड्डियों में फैलने लगता है।
यह 10,000 में से दो लोगों को होता है. यह बच्चों और वयस्क, दोनों में होता है. कभी-कभार मधुमेह जैसी बीमारी इस के खतरों को और अधिक बढ़ा देती है।

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