सुप्रीम कोर्ट ने दरवेश यादव हत्याकांड की सीबीआई जांच की याचिका खारिज की

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लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उस याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया है, जिसमें उत्तर प्रदेश बार काउंसिल अध्यक्ष दरवेश यादव हत्याकांड की सीबीआई जांच कराने की मांग की गई थी। यह याचिका अधिवक्ता इंदू कौल ने दायर की थी।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि अगर आप बड़े दायरे यानी अदालत परिसर में महिलाओं की सुरक्षा मांग कर रही हैं तो दूसरी याचिका दाखिल करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दरवेश यादव हत्याकांड की सीबीआई जांच को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करें।
दरसअल सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर मामले की सीबीआई जांच की मांग की गई। याचिका में देश भर की महिला वकीलों को कोर्ट परिसर में सुरक्षा देने की भी मांग की गई थी।
12जून को आगरा कचहरी परिसर में उत्तर प्रदेश बार काउंसिल अध्यक्ष दरवेश सिंह यादव के स्वागत समारोह के बाद उनकी हत्या कर दी गई थी। दरवेश यादव वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद मिश्रा के चैंबर में बैठी थीं। तभी साथी अधिवक्ता मनीष शर्मा ने उनको एक के बाद एक तीन गोलियां मारी।
इसके बाद मनीष ने अपनी कनपटी पर भी गोली मार ली थी। गंभीर हालत में उसे मेदांता अस्पताल ले जाया गया था। जहां 22 जून को उसकी भी मौत हो गई। मामले में दरवेश यादव के भतीजे सनी ने मनीष शर्मा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें उसकी पत्नी वंदना और अधिवक्ता विनीत गुलेचा को भी नामजद किया था।
दरवेश यादव के भतीजे सनी यादव ने न्यू आगरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए मनीष बाबू शर्मा के अलावा उसकी पत्नी वंदना को भी आरोपी बताया था। सनी का आरोप था कि उसकी बुआ दरवेश की गाड़ी, गहने और चैंबर पर मनीष ने कब्जा कर रखा था। कई बार तकादा करने पर भी वे उनकी गाड़ी और गहने वापस नहीं कर रहे थे। इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद चल रहा था। सनी का आरोप है कि वंदना शर्मा ने उसकी बुआ को जान से हाथ धोने की धमकी भी दी थी, लेकिन दरवेश यादव ने इस तरफ कभी ध्यान नहीं दिया।

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