बार काउंसिल अध्यक्ष दरवेश यादव के हत्यारे एडवोकेट मनीष की इलाज के दौरान हुई मौत

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश बार काउंसिल अध्यक्ष दरवेश यादव की हत्या के आरोपी अधिवक्ता मनीष शर्मा की मौत हो गई है।

हत्यारे एडवोकेट मनीष

गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। आगरा पुलिस ने उसकी मौत होने की पुष्टि की है।
12 जून को उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की पहली अध्यक्ष दरवेश यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
न्यू आगरा स्थित दीवानी परिसर में साथी वकील मनीष शर्मा ने उन्हें एक के बाद एक तीन गोलियां मारी थीं।
इसके बाद मनीष ने खुद को भी गोली मार ली थी।
मनीष को पहले एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था।
हालत नाजुक होने पर उसे मेदांता अस्पताल रेफर कर दिया गया। जहां 10 दिन बाद शनिवार को उसने दम तोड़ दिया।
दरवेश के परिजन मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। उन्होंने पुलिस की जांच पर सवाल उठाए हैं।
उनका कहना है कि पुलिस उनके परिवार के सदस्यों से ही बार-बार पूछताछ क्यों कर रही है?
नामजद आरोपियों की अभी तक गिरफ्तारी नहीं की गई है।
उधर, दरवेश यादव की हत्या का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच गया है। मामले को लेकर एक याचिका दाखिल की गई है,
जिसमें महिला वकीलों की सुरक्षा के साथ इस हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने की मांग उठाई गई है।
मनीष शर्मा की मौत के बाद उन सवालों के जवाब भी मर गए, जो पुलिस उससे पूछना चाहती थी।
इस हत्याकांड में पुलिस कई चश्मदीदों से पूछताछ कर चुकी है, लेकिन हत्या की वजह अभी तक पता नहीं चल सकी है।
दरवेश यादव के भतीजे सनी यादव ने न्यू आगरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए मनीष बाबू शर्मा के अलावा उसकी पत्नी वंदना को भी आरोपी बताया था।
सनी का आरोप था कि उसकी बुआ दरवेश की गाड़ी, गहने और चैंबर पर मनीष ने कब्जा कर रखा था।
कई बार तकादा करने पर भी वे उनकी गाड़ी और गहने वापस नहीं कर रहे थे।
इसी बात को लेकर दोनों के बीच विवाद चल रहा था। सनी का आरोप है कि
वंदना शर्मा ने उसकी बुआ को जान से हाथ धोने की धमकी भी दी थी, लेकिन दरवेश यादव ने इस तरफ कभी ध्यान नहीं दिया।

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