रालोद ने भी उपचुनाव अकेले लड़ने का किया ऐलान

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बसपा और सपा के अलग-अलग होने के बाद गठबंधन में शामिल रहे राष्ट्रीय लोकदल ने भी उपचुनावअकेले लड़ने का ऐलान किया है।

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रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद ने कहा कि पार्टी प्रमुख चौधरी अजित सिंह और जयंत चौधरी तय करेंगे कि पार्टी कितनीसीटों पर चुनाव लड़ेगी।
प्रदेश में 11 विधायक इस लोकसभा चुनावमेंसांसद चुने गए हैं। ऐसे में आगामी महीनों में यहां 11 सीटों पर उपचुनाव तय है।
मसूद अहमद ने कहा कि सपा-बसपा-रालोद गठबंधन में कांग्रेस को भी शामिल किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा, ‘हमारी इच्छा है कि गठबंधन को अपना ‘कुनबा’ बढ़ाना चाहिए,
ताकि भाजपा के विरोध में हम ताकतवर होकर उभर सकें।’ लोकसभा चुनाव मेंगठबंधन में रालोद को तीन सीटें दी गई। इनमें मुजफ्फरनगर, बागपत व मथुरा सीटें शामिल थीं।
मुजफ्फरनगर से पार्टी प्रमुख चौधरी अजीत सिंह, बागपत से पार्टी उपाध्यक्ष जयंत चौधरी व मथुरा से कुंवर नरेंद्र सिंह चुनाव हार गए।
2014 के आम चुनाव के बाद 2019 में भी रालोद को एक भी सीट नहीं मिली। वहीं, 2017 में हुए विधानसभाचुनाव में रालोद ने 277 सीटों पर चुनाव लड़ा था।
लेकिन, 276 उम्मीदवार हार गए। केवल एक उम्मीदवार छपरौली से सहेंद्र सिंह रमाला ने चुनाव जीता था। वह भी पार्टी छोड़कर पिछले साल अप्रैल माह में भाजपा में शामिल हो गए।
यूपी विधान परिषद में भी रालोद का कोई एमएलसी नहीं हैं। पार्टी के एकलौते एमएलसी चौधरी मुश्ताक का कार्यकाल पिछले साल मई में समाप्त हो गया था।
दो दिन पहले बसपा प्रमुख मायावती ने दिल्ली में पार्टी पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और कहा कि, चुनाव में यादव वोटों के ट्रांसफर न होने के कारण हार मिली है।
मायावती ने हार का पूरा ठीकरा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के सिर फोड़ दिया। मायावती ने गठबंधन पर अस्थाई ब्रेक लगाने की बात कहते हुए
उप चुनाव में 11 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया। वहीं, अखिलेश ने भी अकेले उप चुनाव लड़ने का ऐलान किया।

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