दिल्ली पुलिस की बड़ी मुहिम ‘ऑपरेशन विश्वास’ में 1000 से ज्यादा खोए मोबाइल फोन मालिकों को लौटाए

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की दक्षिणी रेंज ने नागरिकों का विश्वास जीतने का एक और बड़ा कदम उठाया है। ‘ऑपरेशन विश्वास’ के तहत पुलिस ने 1000 से अधिक खोए या चोरी हुए मोबाइल फोन बरामद कर उनके असली मालिकों को सौंप दिए। यह मेगा मोबाइल हैंडओवर सेरेमनी 30 दिसंबर 2025 को ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित आर्य ऑडिटोरियम में आयोजित की गई, जिसमें 400 से ज्यादा नागरिकों ने शिरकत की और पुलिस के प्रयासों की सराहना की।

इस विशेष अभियान की शुरुआत दिल्ली पुलिस कमिश्नर सतीश गोलछा के नेतृत्व और प्रेरणा से हुई। दक्षिणी रेंज के जॉइंट कमिश्नर श. एस.के. जैन के निर्देशन में 70 से अधिक पुलिस टीमों ने दिल्ली के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों में तकनीकी निगरानी, डिजिटल ट्रैकिंग और फील्ड ऑपरेशंस के जरिए इन फोन की बरामदगी की। हर बरामद फोन न केवल संपत्ति की वापसी था, बल्कि जनता में पुलिस के प्रति विश्वास की पुनर्स्थापना भी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता स्पेशल कमिश्नर ऑफ पुलिस (लॉ एंड ऑर्डर, जोन-2) श. मधुप तिवारी ने की, जिन्होंने खुद कई फोन मालिकों को सौंपे। उन्होंने कहा, “आज 1000 मोबाइल फोन की वापसी सिर्फ गैजेट्स की नहीं, बल्कि सुरक्षा की भावना, आत्मविश्वास और गरिमा की वापसी है। साइबर युग में जागरूकता सबसे मजबूत हथियार है। पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलें, तो दिल्ली को सुरक्षित रख सकते हैं।”

कार्यक्रम में जॉइंट सीपी (आईएफएसओ साइबर) राजनेश गुप्ता, डीसीपी साउथ ईस्ट डॉ. हेमंत तिवारी, एडिशनल डीसीपी साउथ ईस्ट ऐश्वर्या शर्मा, एडिशनल डीसीपी साउथ सुमित झा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

साइबर सुरक्षा पर जोर

 कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण साइबर जागरूकता अभियान रहा। डिजिटल अरेस्ट, फर्जी निवेश स्कीम, जॉब फ्रॉड और पहचान चोरी जैसे बढ़ते खतरे पर फोकस किया गया। संचार साथी ऐप के इस्तेमाल की जानकारी दी गई, जिससे खोए फोन को ब्लॉक और ट्रेस किया जा सकता है। नुक्कड़ नाटक के जरिए साइबर सुरक्षा के संदेश को सरल और रोचक तरीके से पहुंचाया गया।

उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मान

स्पेशल सीपी मधुप तिवारी ने जांच, बरामदगी और शिकायत निपटारे में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले पुलिसकर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

नागरिकों ने पुलिस की इस जनकेंद्रित पहल की तारीफ की। दिल्ली पुलिस ने अपील की कि संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत दें, साइबर हाइजीन अपनाएं और पुलिस के साथ साझेदारी करें। हेल्पलाइन 112 या निकटतम थाने पर संपर्क करें।

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