उत्तर प्रदेश का कानून-व्यवस्था मॉडल बना अन्य राज्यों के लिए मिसाल: मुख्यमंत्री

राष्ट्रीय जजमेंट

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि राज्य का कानून-व्यवस्था मॉडल अब अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण बन गया है और इस बात पर बल दिया कि सुरक्षा की भावना व कानून के शासन ने राज्य में निवेश तथा बुनियादी ढांचे के विकास को तेजी से आगे बढ़ाया है।पुलिस मुख्यालय में आयोजित दो दिवसीय ‘पुलिस मंथन’ सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “हमने उत्तर प्रदेश में यह दिखाया है कि (बेहतर कानून-व्यवस्था से) क्या हासिल किया जा सकता है। आज अन्य राज्यों में इसे एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। वहां का मीडिया भी कहता है कि ‘यूपी मॉडल’ आ गया है।”योगी आदित्यनाथ ने इस बदलाव का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण से प्रेरित “स्मार्ट पुलिसिंग” को दिया और कहा कि सम्मेलन के दौरान तैयार की गई रूपरेखा एक महत्वपूर्ण नीतिगत दस्तावेज के रूप में काम करेगी। एक्सप्रेसवे, हवाई संपर्क और रेल नेटवर्क का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, “अगर सुरक्षा नहीं होती, तो बुनियादी ढांचे का विकास इस गति से संभव नहीं होता।”मुख्यमंत्री ने सम्मेलन के दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस की प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए कहा, “दो दिन अधिकारियों ने अपने समय और विषय का अनुशासन बनाए रखा। इसे आप ऐसे भी कह सकते हैं कि उत्तर प्रदेश पुलिस समय के प्रति प्रतिबद्ध है।” उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश को लेकर जनता की धारणा में बड़ा बदलाव आया है।उन्होंने कहा, “आज लोग यह स्वीकार करते हैं कि प्रदेश में परिवर्तन हुआ है। सुरक्षा और कानून के शासन के कारण निवेश बढ़ा है। संवाद आधारित और जन-केंद्रित पुलिसिंग पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “मानवीय बुद्धिमत्ता हमारा सबसे बड़ा हथियार है।”उन्होंने पुलिस अधिकारियों से नागरिकों और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के साथ बेहतर संवाद और जुड़ाव बढ़ाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लखनऊ में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के दो दिवसीय सम्मेलन ‘पुलिस मंथन’ का उद्घाटन किया था।इस सम्मेलन का उद्देश्य साइबर अपराध, मानव तस्करी और सोशल मीडिया से जुड़े उभरते मुद्दों जैसी प्रमुख पुलिसिंग चुनौतियों पर विचार-विमर्श करना था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, सम्मेलन में 11 विषयगत सत्र आयोजित किए गए, जिनका मकसद उत्तर प्रदेश में पुलिसिंग की रणनीतिक प्राथमिकताओं और भविष्य की रूपरेखा को आकार देना था।

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