मथुरा के अस्पताल ने निकाल ली बच्चे की किडनी! कराने आए थे पेट का इलाज, डायरेक्टर समेत 7 डॉक्टरों पर मुकदमा

 

राष्ट्रीय जजमेंट

मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले से अस्पतालों के भरोसे अपना इलाज कर रहे मरीजों के लिए हैरान करने वाली घटना सामने आई है। कथित रूप से यहां के प्रसिद्ध केडी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल पर एक डेढ़ साल के मासूम बच्चे की किडनी निकालने (मानव अंग तस्करी) का गंभीर आरोप लगा है। इस मामले ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा दिया है।
शिकायतकर्ता भीम सिंह के मुताबिक उनके छोटे बेटे मयंक (उम्र डेढ़ वर्ष) को पेट में दर्द और गांठ की शिकायत थी। 31 मई 2024 को उसे केडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने परिजनों को बताया कि पेट से गांठ निकालनी होगी और ऑपरेशन को पूरी तरह सफल बताया।
हालांकि असली सच फरवरी 2025 में सामने आया। जब बच्चे की तबीयत दोबारा बिगड़ी और परिजनों ने अन्य अस्पतालों में जांच कराई, तो रिपोर्ट देखकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। जयपुर के सरकारी अस्पताल सहित कई बड़े केंद्रों की अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि बच्चे की बाईं किडनी (Left Kidney) शरीर में मौजूद ही नहीं है।

अंग तस्करी का शक और डॉक्टरों की धमकी
परिजनों का सीधा आरोप है कि गांठ निकालने के नाम पर अस्पताल के डॉक्टरों ने बच्चे की किडनी निकाल ली। जब भीम सिंह ने इस बारे में अस्पताल प्रबंधन और संबंधित डॉक्टरों से पूछताछ की, तो आरोप है कि उन्हें न्याय देने के बजाय डराया-धमकाया गया। मासूम मयंक को अब संक्रमण हो चुका है और उसकी हालत चिंताजनक बनी हुई है।

अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों पर FIR
मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय ने त्वरित आदेश जारी कर रिपोर्ट दर्ज कराई है। इस प्रकरण में मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 की धारा 18 और आईपीसी की धारा 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। एफआईआर में अस्पताल के कई डॉक्टरों और प्रबंधन को नामजद किया गया है।

छाता थाना प्रभारी कमलेश सिंह ने कहा कि जांच की जा रही है। देखना होगा कि क्या यह वास्तव में एक संगठित मानव अंग तस्करी का हिस्सा है या कोई चिकित्सकीय लापरवाही, इसका खुलासा पुलिस जांच के बाद ही होगा। केडी हॉस्पिटल प्रबंधन से जब मामले में बात करने की कोशिश की तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।

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