पीएम मोदी को अपशब्द कहने पर संसद में हंगामा, नड्डा ने कांग्रेस पर उठाए सवाल

राष्ट्रीय जजमेंट

संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। शीतकालीन सत्र का यह आखिरी सप्ताह है। आज भी दोनों सदनों में सामान्य रूप से कामकाज देखने को मिला। हालांकि कांग्रेस की रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर की गई टिप्पणी पर भाजपा ने संसद में आपत्ति जताई। खुद जेपी नड्डा ने इसको लेकर सोनिया गांधी से माफी की मांग की। राज्यसभा में ‘चुनाव सुधार’ के मुद्दे पर चर्चा हुई। लोकसभा में ‘अनुदान के लिए पूरक मांगें (2025-26, पहला बैच)’ पर चर्चा हुई। राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में भारत के रूपांतरण हेतु परमाणु ऊर्जा के सतत दोहन एवं विकास विधेयक, 2025 को प्रस्तुत किया।- राज्यसभा में सोमवार को सदन के नेता जे पी नड्डा ने एक दिन पहले कांग्रेस की रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विरुद्ध लगाए गए नारों की कड़ी निंदा करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी से देश से माफी मांगने को कहा। उच्च सदन की बैठक शुरू होते ही नड्डा ने यह मुद्दा उठाया और कहा कि कल यहां कांग्रेस की रैली में ‘‘मोदी तेरी कब्र खुदेगी, आज नहीं तो कल खुदेगी’’ के नारे लगाए गए। उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष खरगे और आदरणीय सोनिया गांधीजी को पूर देश से माफी मांगनी चाहिए।’’ लोकसभा में केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं को इस सदन के माध्यम से देश से माफी मांगनी चाहिए।- सरकार ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम’ (मनरेगा) को निरस्त करने और इस संबंध में एक नया कानून बनाने के लिए लोकसभा में विधेयक लेकर आ सकती है। नए विधेयक का नाम ‘विकसित भारत-रोजगार और आजीविका गारंटी मिशन (ग्रामीण)’ (विकसित भारत- जी राम जी) विधेयक, 2025’ होगा। विधेयक की प्रतियां लोकसभा सदस्यों को बांटी गई हैं। विधेयक का उद्देश्य ‘‘ ‘विकसित भारत 2047’ के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप ‘‘ग्रामीण विकास ढांचा स्थापित करना है, जिसके तहत अकुशल शारीरिक श्रम करने के लिए स्वेच्छा से आगे आने वाले प्रत्येक ग्रामीण परिवार के वयस्क सदस्यों को हर वित्त वर्ष में 125 दिन के रोजगार की वैधानिक गारंटी दी जाएगी।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विश्वविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों को स्वतंत्र स्व-शासन वाले संस्थान बनाने के उद्देश्य से विकसित भारत शिक्षा अधिष्ठान, 2025 विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश किया। कांग्रेस के मनीष तिवारी ने विधेयक पेश किये जाने का विरोध करते हुए कहा कि यह शिक्षण संस्थानों की स्वायत्तता का उल्लंघन करता है और उनकी स्वतंत्रता का क्षरण करता है। राज्यसभा में सोमवार को कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने निर्वाचन आयोग और भाजपा नीत केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला और आयोग पर पक्षपात करने का आरोप लगाया वहीं भाजपा के बारे में कहा कि उसकी जान ईवीएम में बसती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कई राज्यों में वोट चोरी होने का प्रमाण दिया है लेकिन आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद भी बिहार में सरकार के कदमों पर रोक नहीं लगायी गयी जबकि कई राज्यों में सरकार के कदमों पर रोक लगा दी गयी। – कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने सोमवार को मौजूदा सरकार के कार्यकाल के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के पूरी तरह विफल होने का दावा किया तथा आर्थिक विकास दर मापने की नयी पद्धति पर सवाल खड़े किये। कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल ने लोकसभा में वर्ष 2025-26 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगें-प्रथम बैच और संबंधित विनियोग (संख्याक 4) विधेयक, 2025 पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपये का न्यूनतम स्तर पर जाना भारतीय अर्थव्यवस्था की बदहाली और कुशासन को दर्शाता है।- पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा ने सोमवार को राज्यसभा में विपक्षी दलों को आगाह किया कि यदि वे ‘वोटी चोरी’ के आरोपों को जारी रखते हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर दोषारोपण कर मतदाताओं के मन में सन्देह पैदा करते हैं तो उन्हें नुकसान उठाना पड़ेगा।- नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने एयरसेवा वेब पोर्टल और ऐप से संबंधित प्रश्नों का उत्तर दिया। उन्होंने सदन को सूचित किया कि नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (डीजीसीए) ने एक दस्तावेज जारी किया है जिसमें विभिन्न स्थितियों, जैसे उड़ान में देरी, सामान खो जाने या क्षतिग्रस्त हो जाने की स्थिति में यात्रियों के अधिकारों का विस्तृत वर्णन किया गया है। उन्होंने कहा कि यात्रियों में जागरूकता फैलाने के प्रयास किए जा रहे हैं।- राज्यसभा में सोमवार को कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने दलबदल विरोधी कानून में सुधार की मांग करते हुए जनादेश का सम्मान किए जाने की जरूरत पर जोर दिया। चुनाव सुधारों पर उच्च सदन में चर्चा में भाग लेते हुए भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के के.आर. सुरेश रेड्डी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के जॉन ब्रिटास ने कहा कि चुनावी घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा न करना “मतदाता के साथ शाब्दिक रूप से धोखाधड़ी” के समान है और यह दलबदल “चुनावों की शुचिता” पर सवाल खड़े करता है।

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