रैन बसेरे के एक साथ 14 कर्मचारी बरखास्त, हाईकोर्ट का स्टे हटते ही सोफिया सोसाइटी ने की कार्रवाई, यूनियन ने लगाया प्रतिशोध का आरोप

नई दिल्ली: दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (DUSIB) के रैन बसेरों का प्रबंधन संभाल रही सोफिया एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी (SEWS) ने 14 कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। यह कार्रवाई दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 4 दिसंबर 2025 को इन कर्मचारियों की सेवा से जुड़े दो साल पुराने ‘स्टेटस क्वो’ (यथास्थिति) आदेश को हटाए जाने के तुरंत बाद की गई है। सोसाइटी ने इन कर्मचारियों पर गंभीर लापरवाही, अनियमितताओं और दुराचार के आरोप लगाए हैं, जबकि कर्मचारी यूनियन इसे भ्रष्टाचार की शिकायतों का बदला बता रही है।

हाईकोर्ट के स्टे हटने के चार दिन बाद, 8 दिसंबर को SEWS ने DUSIB को एक पत्र के माध्यम से इन 14 कर्मचारियों को हटाने की सूचना दी। बर्खास्त कर्मचारियों में दिल्ली के प्रमुख रैन बसेरों जैसे जामा मस्जिद, असफ अली रोड और फतेहपुरी के केयरटेकर, रिलीवर तथा स्वीपर शामिल हैं। सोसाइटी का कहना है कि ये कर्मचारी कोर्ट के स्टे ऑर्डर का अनुचित फायदा उठाकर लगातार ड्यूटी से अनुपस्थित रहते थे, जिससे शेल्टरों का संचालन बुरी तरह प्रभावित हो रहा था। पत्र में उल्लेख किया गया है कि पुरानी ठेकेदार संस्था से चले आ रहे 60 से अधिक कर्मचारी यूनियन के सदस्य हैं, लेकिन कार्रवाई केवल इन 14 पर ही की गई है, जिनकी अनियमितताएं सबसे गंभीर पाई गईं।

SEWS ने सर्दियों के मौसम का हवाला देते हुए जोर दिया कि इस दौरान बेघर लोगों की संख्या बढ़ जाती है, इसलिए कुशल और जिम्मेदार कर्मचारियों की जरूरत है। संगठन ने वसंत कुंज शेल्टर होम में हाल ही में लगी आग का जिक्र किया, जिसमें दो बेघरों की मौत हो गई थी। सोसाइटी के अनुसार, ऐसी घटनाओं के बावजूद इन कर्मचारियों की लापरवाही जारी रही, जैसे ड्यूटी पर न आना और शो-कॉज नोटिसों का जवाब न देना। हाईकोर्ट ने भी अपने फैसले में माना कि याचिकाकर्ता कर्मचारी स्टे का दुरुपयोग कर रहे थे और ड्यूटी में सुधार नहीं ला रहे थे, जिसके आधार पर 4 दिसंबर 2025 को आदेश हटा लिया गया।

बर्खास्तगी के विशिष्ट कारणों पर गौर करें तो DUSIB के नाइट शेल्टरों से हटाए गए इन 14 कर्मचारियों पर ड्यूटी में लापरवाही, अनधिकृत अनुपस्थिति और दुराचार जैसे आरोप हैं। अभिषेक बाजपेयी (केयरटेकर, जामा मस्जिद, NS-101) को शेल्टर परिसर में ज्वलनशील सामग्री, जाली अनुभव प्रमाण पत्र जमा करने और ड्यूटी पर धूम्रपान करने के लिए हटाया गया। विक्की शर्मा (केयरटेकर, असफ अली रोड, NS-176) को 26 सितंबर 2025 से बिना सूचना के लंबी अनुपस्थिति के लिए हटाया गया। मो. तनवीर (केयरटेकर, जामा मस्जिद, NS-160) को ड्यूटी से बार-बार अनुपस्थित रहने और ज्वलनशील सामग्री के लिए हटाया गया। मधु मंडल और दिव्या कुमारी (केयरटेकर, जामा मस्जिद-5, NS-209) को सुपरवाइजर के साथ दुर्व्यवहार और अनधिकृत अनुपस्थिति के लिए हटाया गया। रिलीवर सिराजुद्दीन (NS-54 & 221), स्वीपर सुमित घंगोरिया (NS-176) और केयरटेकर केवल कृष्ण (NS-221), अजय राघव (फतेहपुरी, NS-011), मकसूद आलम (NS-207), संजय यादव (NS-252), दीपक बरनवाल (NS-07), मोहिंदर कुमार (NS-626), और खुर्शीद आलम (NS-53) को मुख्य रूप से लगातार अनियमितता, पुलिस सत्यापन में देरी, ज़रूरी दस्तावेज़ जमा करने में विफलता और अधूरा अनुभव प्रमाण पत्र देने जैसे कारणों से सेवा से मुक्त किया गया है।

SEWS ने DUSIB से अनुरोध किया है कि इन कर्मचारियों को तत्काल हटाने की प्रक्रिया पूरी की जाए और नई ड्यूटी सौंपी जाए, ताकि रैन बसेरों की व्यवस्था सुचारु रहे।

दूसरी ओर, केयरटेकर व दिल्ली शेल्टर होम वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष अभिषेक बाजपेयी ने इस कार्रवाई को अनुचित और मिथ्या आरोपों पर आधारित बताया है। उन्होंने कहा कि ये 14 कर्मचारी दिल्ली के क्लस्टर 1 व 2 के रैन बसेरों में केयरटेकर, रिलीवर और सफाईकर्मी के पदों पर कार्यरत थे। बाजपेयी का दावा है कि इन सभी ने सोफिया एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी के कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई थी और गवाही भी दे रहे थे। इसी कारण पिछले कई महीनों से उन्हें अनावश्यक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था, और अब नौकरी से निकाल दिया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि कर्मचारियों की रोजी-रोटी छीनना किस न्याय की मिसाल है? यूनियन की मांग है कि सभी 14 कर्मचारियों की नौकरी बहाल की जाए, ताकि सीबीआई जांच में सहयोग जारी रह सके और सभी तथ्य उजागर हो सकें।

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