खबर का असर: स्टिंग के झटके से जागी सरकार: एक खबर ने जगाया पूरा सिस्टम; चंद घंटे में मंत्री आशीष सूद सड़कों पर उतरे

नई दिल्ली: कड़ाके की ठंड में फुटपाथ पर तड़पते बेघरों की चीख आखिरकार दिल्ली सरकार तक पहुंच ही गई। ‘राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज’ ने 5-6 दिसंबर की रात को सच्चाई परखने के लिए राजधानी के अलग-अलग इलाकों से DUSIB की आधिकारिक ऐप के जरिए 21 बार रेस्क्यू रिक्वेस्ट भेजी। चौंकाने वाला नतीजा सामने आया – सिर्फ एक जगह पर रेस्क्यू वैन पहुंची, बाकी 20 मामलों में या तो कोई जवाब नहीं आया या लीपापोती कर टाल दिया गया।

शनिवार सुबह जब यह खबर “ठंड की ठिठुरन में मरते बेघर, सरकार की रेस्क्यू टीमें सोती रहीं, 21 रेस्क्यू रिक्वेस्ट में सिर्फ एक को मिला आश्रय, बाकी में लीपापोती” जैसे शीर्षक के साथ अखबार और पोर्टल पर छपी, तो सरकार की नींद उड़ गई। खबर वायरल होते ही हड़कंप मच गया।

महज कुछ घंटों में दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री आशीष सूद मैदान में कूद पड़े। शनिवार देर रात वह खुद एम्स और मुनिरका स्थित नाइट शेल्टर व पगोड़ा कैंप्स का औचक निरीक्षण करने पहुंच गए। रास्ते में फुटपाथ पर ठिठुरते लोगों से बात की, उन्हें कंबल-भोजन की जानकारी दी और शेल्टर में आने का आग्रह किया।

रविवार को मंत्री ने चाबी गंज स्थित नाइट शेल्टर (कोड नं. 23) और यमुना बाजार स्थित नाइट शेल्टर (कोड नं. 215) का दौरा किया। दोनों जगहों पर बिस्तर, गर्म कंबल, भोजन, साफ-सफाई, पानी और शौचालय की व्यवस्था का बारीकी से जायजा लिया। शेल्टर में रह रहे लोगों से उनकी समस्याएं सुनीं और मौके पर ही सुधार के आदेश दिए।

निरीक्षण के बाद DUSIB अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक हुई। बैठक में विंटर एक्शन प्लान के तहत नाइट शेल्टर्स और कैंप्स की व्यवस्थाओं का विस्तृत जायज़ा लिया गया। मंत्री ने साफ शब्दों में कहा, “कड़ाके की ठंड में कोई भी नागरिक खुले में रात गुजारने को मजबूर नहीं होगा। हर जरूरतमंद तक भोजन, कंबल और सुरक्षित आश्रय पहुंचाना सरकार की सर्वोच्च जिम्मेदारी है।”

मंत्री ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “तेजी से बढ़ती सर्दी के बीच दिल्ली के हर जरूरतमंद तक सुरक्षित और सम्मानजनक आश्रय पहुंचाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। आज चाबी गंज व यमुना बाजार शेल्टर में व्यवस्थाओं की संयुक्त समीक्षा की और कई सुधार मौके पर ही कराए।”

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