दिल्ली बनी थी अफ्रीकी ड्रग सिंडिकेट का अड्डा: एक साथ कई ठिकानों पर छापे, 30 गिरफ्तार, करोड़ो का ड्रग कार्टेल ध्वस्त

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच और तेलंगाना एंटी-नारकोटिक्स ब्यूरो की संयुक्त टीम ने राजधानी और एनसीआर में सक्रिय अफ्रीकी ड्रग कार्टेल को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। बीते दो दिनों में दिल्ली-एनसीआर के अलग-अलग इलाकों में एक साथ छापेमारी कर 12 करोड़ रुपये से ज्यादा की कोकीन, हेरोइन, एमडीएमए और एक्स्टेसी की गोलियां बरामद की गईं। इस कार्रवाई में कार्टेल की दो मुख्य अफ्रीकी महिलाओं समेत कई सरगनाओं को गिरफ्तार किया गया तथा 30 अवैध रूप से भारत में रह रहे विदेशी नागरिकों (18 पुरुष और 12 महिलाएं) को पकड़कर डिपोर्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।

दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट सीपी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि तेलंगाना पुलिस को सूचना मिली थी कि हैदराबाद के बड़े ड्रग केस के फरार आरोपी दिल्ली-एनसीआर में छिपे हैं। इसके बाद दोनों एजेंसियों ने मिलकर तकनीकी निगरानी और खुफिया जानकारी के आधार पर ठिकानों को चिह्नित किया और 27-28 नवंबर की रात मोहन गार्डन, संत गढ़, महरौली, ग्रेटर नोएडा, मुनीरका समेत कई जगहों पर एक साथ दबिश दी।

मोहन गार्डन में युगांडा की 35 वर्षीय जैनब क्योबुटुंगी उर्फ पामेला के घर से 195 ग्राम कोकीन, 24 ग्राम एमडीएमए और ढाई लाख रुपये नकद बरामद हुए। वह तेलंगाना केस की मुख्य सप्लायर थी। संत गढ़ में नाइजीरिया की 49 वर्षीय बेक्की उर्फ बेकी के पास से 5,209 एक्स्टेसी गोलियां, 35 ग्राम कोकीन और करीब तीन लाख रुपये नकद जब्त किए गए। बेक्की ने पूछताछ में खुलासा किया कि उसने सारा माल जैनब से लिया था और नाइजीरियाई फ्रैंक को बेचने वाली थी। फ्रैंक के निहाल विहार स्थित घर पर छापा मारकर 60 एमडी गोलियां और 40 ग्राम कोकीन बरामद की गई। फ्रैंक एक साल पहले ही एनडीपीएस केस में जेल से छूटा था।

ज्वाइंट सीपी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि इसी तरह तेलंगाना के वांटेड आरोपी जीन अहमद उर्फ गॉडविन के बंद पड़े किराए के मकान से 106 ग्राम कोकीन और 107 ग्राम हेरोइन बरामद हुई। कार्टेल को चलाने में भारतीय सहयोगियों की भी अहम भूमिका थी। ग्रेटर नोएडा का बदरुद्दीन और महरौली का जफर ड्रग के पैसों का हवाला और लेन-देन संभालते थे। बदरुद्दीन की पत्नी समा उमर लॉजिस्टिक्स और घरेलू कवर मुहैया कराती थी, जबकि मुनीरका के तितिंग गुइते, जोशुआ गुइते और लाल खोसेई फर्जी कागजातों से सिम कार्ड दिलवाकर तस्करों को लोकेशन और नंबर बदलने में मदद करते थे। सभी भारतीय आरोपियों को तेलंगाना पुलिस के हवाले कर दिया गया है। जांच अभी जारी है और कार्टेल के बाकी सदस्यों तक जल्द पहुंच बनाई जाएगी।

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