आधार कार्ड को लेकर योगी सरकार का आया बड़ा आदेश, जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में नहीं होगा मान्य
राष्ट्रीय जजमेंट
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने आधार कार्ड से जुड़ा एक बड़ा फैसला लेते हुए स्पष्ट कर दिया है कि आधार कार्ड को अब जन्म तिथि के प्रामाणिक प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। योगी सरकार के नियोजन विभाग ने इस संबंध में राज्य के सभी विभागों के प्रमुख सचिवों और अपर मुख्य सचिवों को कार्यकारी आदेश जारी कर दिए हैं। यह कदम भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) की ओर से 31 अक्टूबर को जारी किए गए उस पत्र के आधार पर उठाया गया है, जिसमें कहा गया था कि आधार में दर्ज जन्मतिथि ‘अनुमानित’ होती है और इसे प्रमाणिक दस्तावेज के रूप में मान्य नहीं किया जा सकता।
विभागों में हो रही थी गलती
नियोजन विभाग के विशेष सचिव अमित सिंह द्वारा जारी शासनादेश में उल्लेख किया गया कि UIDAI की स्पष्ट गाइडलाइन के बावजूद, प्रदेश के कई विभाग अभी भी आधार कार्ड को जन्मतिथि प्रमाण के रूप में स्वीकार कर रहे थे। शासन ने सख्त निर्देश दिए हैं कि किसी भी सरकारी प्रक्रिया में नियुक्ति, प्रमोशन, सेवा रजिस्टर संशोधन या अन्य संवेदनशील दस्तावेजों में आधार को जन्मतिथि का प्रमाण न माना जाए।
इसके लिए स्कूल प्रमाणपत्र, जन्म प्रमाण पत्र, हाईस्कूल मार्कशीट, नगर निकाय या स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी प्रमाणपत्र जैसे अन्य मूल दस्तावेजों को अनिवार्य रूप से माना जाएगा। पहले से ही जन्म तिथि के लिए इन प्रमाण पत्रों को मंजूरी मिली हुई है।
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