एक गलती से आपके फोन पर हो जाएगा हैकर्स का कंट्रोल; WhatsApp पर शादी के कार्ड वाली APK फाइलें भेज रहे साइबर जालसाज

राष्ट्रीय जजमेंट

मेरठ : सिविल लाइन इलाके के रहने वाले मुनेंद्र UP पुलिस में कार्यरत हैं. कुछ दिनों पहले उनके मोबाइल पर शादी का एक कार्ड आया. इसे उन्होंने डाउनलोड कर लिया. इसके कुछ ही घंटे के बाद उनके खाते से 79 हजार रुपये निकल गए. खोजबीन करने पर उन्हें पता चला कि एपीके फाइल का जाल फेंककर उनसे साइबर ठगी कर ली गई है.

मुनेंद्र की ही तरह शादियों के सीजन में अन्य लोग भी ठगी के शिकार बन रहे हैं. मेरठ में एक सप्ताह में ही ऐसे 15 मामले सामने आ चुके हैं. जागरूकता और सतर्कता के जरिए ही ऐसी घटनाओं से बचा जा सकता है. ईटीवी भारत ने साइबर एक्सपर्ट से APK फाइल, इससे होने वाले नुकसान, बचाव आदि समेत कई बिंदुओं पर विस्तार से बातचीत की.
वाट्सएप पर निमंत्रण के चलन का फायदा उठा रहे ठग : साइबर ठग नए-नए तरीके से लोगों से ठगी करते हैं. पिछले कुछ समय से शादियों के सीजन में एपीके (Android Package Kit) फाइल भेजकर लोगों के खाते साफ कर रहे हैं. लोगों के घर में विवाह समेत अन्य समारोह होने पर वे हर व्यक्ति के घर तक निमंत्रण कार्ड नहीं पहुंचा पाते हैं.

ऐसे लोग वाट्सएप पर मैसेज लिखकर शुभचिंतकों को शादी का कार्ड भेज देते हैं. ठग इसी चलन का फायदा उठा रहे हैं.

परिचित-रिश्तेदारों के नंबर से आ रहे मैसेज : साइबर एक्सपर्ट आर्य त्यागी के अनुसार दूसरे के वाट्सएप नंबरों या अनजान मेल से आने वाले मैसेज का लोग संज्ञान नहीं लेते हैं, लेकिन अगर यही मैसेज किसी परिचित, रिश्तेदार या अन्य शुभचिंतकों के मोबाइल नंबर से आए तो आसानी से उन पर भरोसा कर लेते हैं.

एपीके फाइल भी इसी तरह ही भेजी जाती है. इन पर भरोसा कर लोग ऐसी फाइल को डाउनलोड कर लेते हैं. इससे ठगों को उनके फोन का पूरा कंट्रोल मिल जाता है.

पहली नजर में ऐसे करें एपीके फाइल की पहचान : साइबर एक्सपर्ट आर्य त्यागी ने बताया कि शादी के कार्ड या तो वीडियो बनाकर, फोटो फॉर्मेट में या फिर पीडीएफ बनाकर वाट्सएप पर भेजे जाते हैं. एपीके फॉर्मेट में कोई भी शादी के कार्ड नहीं भेजता है. ये साइबर ठगों का हथकंडा है.

ऐसी फाइलों को ध्यान से देखने पर इनमें apk जरूर लिखा होता है. शुरुआत में ही इसे ध्यान से पढ़ लिया जाए तो इनसे बचना आसान हो जाता है. जानकारी होने पर ऐसी फाइल को डाउनलोड ही न करें. बिना एपीके फाइल को डाउनलोड किए साइबर ठग किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं.

अब एपीके फाइल के बारे में जानिए : साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि एपीके फाइल सामान्य तौर पर एक एप्लीकेशन फाइल होती है. गलती से या ध्यान न देने से ऐसी फाइल मोबाइल फोन में डाउनलोड हो जाती है. इससे मोबाइल फोन हैक हो जाता है. एपीके प्लेस्टोर समेत अन्य जगहों से डाउनलोड नहीं होता है.

ऐसी फाइलें किसी भी नियम का पालन नहीं करती हैं. इनका मकसद केवल ठगी करना ही होता है.
कैसे पता करें कि आपका फोन हाई रिस्क पर है ? : साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि बीते एक सप्ताह में इस तरह की ठगी कई मामले सामने आ चुके हैं. इनमें बिजनेसमैन और बड़े व्यापारियों को भी निशाना बनाया गया है. कई पत्रकार भी इसी तरह साइबर ठगों के चंगुल में फंस चुके हैं.

ऐसे में समय रहते इस बात का पता लगाना जरूरी है कि फोन हाई रिस्क पर है या नहीं?. इसके लिए कई बातों पर ध्यान देना जरूरी है. अगर किसी ने गलती से एपीके फाइल डाउनलोड कर ली है तो वह वह मोबाइल की सेटिंग्स में परमिशन मैनेजर में जाकर ये ये चेक कर सकते हैं कि एप्लीकेशन किन-किन चीजों का एक्सेस ले रही है.

हानिकारक एप्लीकेशन जैसे एपीके आदि टाइप करने पर यदि फाइल डाउनलोड होती है तो उसके बारे में भी जानकारी मिल जाती है.

प्ले स्टोर से डाउनलोड करें ये ऐप : प्ले स्टोर में जाकर ई -स्कैन सर्ट इन बॉट रिमूवल एप्लीकेशन है. इसे डाउनलोड कर मोबाइल को स्कैन कर सकते हैं. फोन को फॉर्मेट करना भी एक विकल्प है. यह एप्लीकेशन मोबाइल, कंप्यूटर को बॉट और मैलवेयर जैसे खतरों के लिए स्कैन करने और उन्हें हटाने में मददगार साबित होता है.

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