विश्व हिंदू परिषद दिल्ली की बैठक: कट्टरपंथ से बचाव को जागरूकता अभियान चलाएंगे, ज्ञापन सौंपेंगे

नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) दिल्ली प्रांत की महत्वपूर्ण बैठक 13 नवंबर को संपन्न हुई, जिसमें राजधानी की सुरक्षा को मजहबी कट्टरपंथी प्रभावों से बचाने पर जोर दिया गया। बैठक में आतंकवादी और कट्टरवादी तत्वों द्वारा सामाजिक, सांस्कृतिक, डिजिटल, संस्थागत और सूचना माध्यमों के दुरुपयोग पर चिंता जताई गई।

विहिप दिल्ली प्रांत के प्रांत मंत्री सुरेन्द्र कुमार गुप्ता ने बताया कि बैठक में गहन विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से चार प्रमुख निर्णय लिए गए। पहला, पूरे दिल्ली समाज को जागरूक करने के लिए विस्तृत अभियान चलाया जाएगा, जो युवा, शिक्षण संस्थान, सांस्कृतिक संगठन, बाजार संघ, आरडब्ल्यूए, धार्मिक संस्थान, डिजिटल प्लेटफॉर्म और सामाजिक मंचों तक पहुंचेगा।

दूसरा, कट्टरवादी दुरुपयोग योग्य मंचों, संस्थानों और भूमिकाओं की सूची समाज तक पहुंचाई जाएगी, ताकि नागरिक सतर्क रहें और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना प्रशासन को दें। तीसरा, दिल्ली के जनप्रतिनिधियों और प्रशासन को ज्ञापन सौंपे जाएंगे, जिसमें संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष निगरानी, संदिग्ध फंडिंग-नेटवर्किंग-डिजिटल प्रचार पर कड़ी नजर और युवाओं के लिए एंटी-रेडिकलाइजेशन कार्यक्रम शुरू करने का अनुरोध किया जाएगा। चौथा, समाज में सकारात्मक संवाद स्थापित किया जाएगा।

विहिप ने स्पष्ट किया कि यह मुद्दा किसी समुदाय तक सीमित नहीं, बल्कि राष्ट्र की सुरक्षा और हिंदू समाज की रक्षा से जुड़ा है। यह उन संरचनाओं के दुरुपयोग से संबंधित है, जिनका राष्ट्र-विरोधी तत्व अपने एजेंडे के लिए कर रहे हैं।

गुप्ता ने कहा, “दिल्ली देश की राजधानी है—यहां समाज की सजगता ही सुरक्षा की पहली दीवार है। कट्टरवादी तत्व किसी भी मंच का दुरुपयोग कर सकते हैं, इसलिए पूरे समाज को जागरूक, संगठित और आत्मविश्वासी बनाना आवश्यक है। विहिप जनता, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर यह अभियान चलाएगी।”

परिषद द्वारा आने वाले दिनों में दिल्ली के 173 प्रखंड और 30 जिलों में व्यापक जनसंपर्क, परिचर्चा और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें धार्मिक, राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, खेल और आवासीय संस्थाएं शामिल होंगी।

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