ऑनलाइन टास्क के नाम पर की ठगी, साइबर नॉर्थ पुलिस ने गैंग का किया भंडाफोड़, 3 गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली के उत्तरी जिले के साइबर पुलिस स्टेशन ने व्हाट्सएप-टेलीग्राम पर फर्जी पार्ट-टाइम जॉब के जाल में फंसाकर एक महिला से 2.96 लाख रुपये ठगने वाले इंटरस्टेट साइबर फ्रॉड गैंग को ध्वस्त कर दिया। तकनीकी जांच और सीडीआर विश्लेषण के आधार पर आगरा (यूपी) और जयपुर (राजस्थान) में छापेमारी कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। आरोपियों की पहचान कुलदीप कुशवाहा, कुलदीप सिंह और राहुल चौधरी के रूप में हुई हैं। गैंग का किंगपिन अरविंद (हरियाणा) अभी फरार है।

उत्तरी जिले के डीसीपी राजा बंठिया ने बताया कि प्रधान एन्क्लेव, बुराड़ी की एमएस. ए. ने बताया कि व्हाट्सएप पर पार्ट-टाइम जॉब का मैसेज आया। रुचि दिखाने पर टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ा गया। रेस्टोरेंट-होटल रेटिंग के नाम पर पैसे कमाने का लालच दिया। बाद में प्रीपेड टास्क के बहाने पहले पैसे जमा करो, फिर प्रॉफिट मिलेगा कहा गया। इसी जाल में 2.96 लाख रुपये विभिन्न यूपीआई आईडी और बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए। ठगी का पता चलने पर शिकायत दर्ज की गई। 21 अप्रैल को साइबर नॉर्थ थाने में धारा 318(4) बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज हुआ।

एसीपी ऑपरेशंस विदूषी कौशिक के मार्गदर्शन में एसएचओ इंस्पेक्टर रोहित गहलोत की निगरानी में इंस्पेक्टर संदीप श्रीवास्तव के नेतृत्व में टीम गठित की गई। टीम ने सीडीआर, आईएमईआई डेटा और मनी ट्रेल का गहन विश्लेषण किया। 15 अक्टूबर को आगरा और जयपुर में समन्वित छापे मारे। पहले कुलदीप कुशवाहा को पकड़ा, जिसके एचडीएफसी खाते में ठगी की रकम आई थी। पूछताछ में कुलदीप सिंह का नाम उगलवाया, जो उसके पड़ोसी था। कुलदीप सिंह ने खाता 4000 रुपये में बेचा था। वह राहुल चौधरी को 2% कमीशन देकर खाता बेचता था। राहुल को जयपुर के मानसरोवर से दबोचा गया।

डीसीपी ने बताया कि पूछताछ में कुलदीप कुशवाहा ने बताया कि कुलदीप सिंह ने आसान कमाई का लालच दिया। कुलदीप सिंह ने आगरा यूपी से बीएससी किया और राहुल व अरविंद उसके क्लासमेट थे। अरविंद ने मलेशिया से साइबर क्राइम की ट्रेनिंग ली। राहुल को अरविंद 4% कमीशन देता, जिसमें से 2% कुलदीप सिंह को। गैंग 2-3 साल से सक्रिय था। अरविंद की तलाश और गैंग के अन्य सदस्यों की जांच जारी है।

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