फेक कॉल सेंटर में फंसी थी साली! गली-गली कपड़े बेचकर गुजारा, यूपी का फैसल कैसे बना संजीव जीवा का शार्प शूटर

राष्ट्रीय जजमेंट

शामली। कभी वेस्ट यूपी में शाहरुख पठान के करीबी और उसका साथी रहे फैसल ने आखिरकार अपराध की राह पर चलते हुए अपने कर्मों की सजा पा ली। गुरुवार देर रात शामली पुलिस और एसओजी टीम ने मुठभेड़ में उसे ढेर कर दिया। फैसल के ऊपर लूट की दो बड़ी वारदातों में शामिल रहने के चलते एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। फैसल की मौत के साथ ही पुलिस ने पिछले आठ वर्षों में 12 बड़े अपराधियों को एनकाउंटर में मार गिराने का रिकॉर्ड बनाया है।फैसल की आपराधिक यात्रा की शुरुआत संजीव जीवा गैंग के शाहरुख पठान से दोस्ती के बाद हुई। बताया जाता है कि मुजफ्फरनगर के खालापार इलाके में मोहल्ला खादरवाला निवासी फैसल पहले एक साधारण सा युवक था, लेकिन 2015 में हुए चर्चित आसिफ जायदा हत्याकांड ने उसके कदमों को जुर्म की दुनिया की तरफ मोड़ दिया। रेलवे स्टेशन पर पुलिस कस्टडी में हुई इस हत्या में फैसल का नाम सामने आया, जिसके बाद वह फरार रहने लगा।इस वारदात में शाहरुख पठान, शोबी, साजिद और रिहान भी आरोपी थे। मुकदमा पहले सिविल लाइन थाने में दर्ज हुआ था, बाद में जांच जीआरपी के सुपुर्द की गई थी। इस घटना के बाद फैसल ने अपना घर बेचकर मेरठ के समर गार्डन में डेरा डाल लिया। दो साल पहले ही उसने किदवई नगर निवासी एक युवती से शादी की। शुरुआत में वह राजस्थान में कपड़े की फेरी लगाकर गुजारा करता था, लेकिन धीरे-धीरे अपराध की दुनिया में और गहराई तक उतरता चला गया।हाल ही में वह मेरठ और मुजफ्फरनगर के बीच फर्नीचर पर पॉलिश का काम भी करता था। दो माह पहले उसकी पत्नी की बहन का नाम एक फर्जी कॉल सेंटर चलाने के मामले में आया, तब वह उसकी सिफारिश के लिए खालापार थाने भी पहुंचा था। फैसल के खिलाफ मुजफ्फरनगर, मेरठ और शामली के विभिन्न थानों में हत्या, लूट, धमकी और रंगदारी समेत 17 मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस के मुताबिक, वह अपने पुराने साथी शाहरुख पठान के संपर्क में लगातार था। शाहरुख पठान भी 14 जुलाई को छपार क्षेत्र में एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में मारा जा चुका है।शामली पुलिस के मुताबिक, पिछले पांच दिनों में दो इनामी अपराधियों को ढेर किया गया है। बीते शनिवार को कांधला पुलिस ने एक लाख के इनामी नफीस को मुठभेड़ में मार गिराया था। वहीं, गुरुवार की रात झिंझाना पुलिस और एसओजी टीम की संयुक्त कार्रवाई में फैसल का अंत हो गया। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, पिछले आठ वर्षों में शामली जनपद में 12 कुख्यात अपराधी एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं। इनमें नौशाद उर्फ डैनी, सरवर, इकराम उर्फ टोला, राजू उर्फ राजेंद्र, साबिर जंधेड़ी, अकबर, अरशद, मंजीत, सतीश और मनवीर जैसे नाम शामिल हैं।मेरठ में पूर्व सर्किल ऑफिसर रहे और वर्तमान में एसपी शामली एनपी सिंह शुरू से ही काफी तेज तर्रार अधिकारी रहे है। बताया जाता है कि जिस जिले में वह रहे, अपराधियों ने या तो जिला छोड़ दिया या फिर दुनिया। एसपी एनपी सिंह ने बताया कि पुलिस का लक्ष्य केवल अपराधियों को मारना नहीं, बल्कि जिले को भयमुक्त बनाना है। उन्होंने कहा जो समाज में आतंक फैलाएगा, कानून उसे छोड़ने वाला नहीं।\

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