दिल्ली से शुरू होगी देश की पहली सहकारी टैक्सी सेवा, ओला-उबर को टक्कर, दिल्ली में नवंबर से पायलट प्रोजेक्ट

नई दिल्ली: देश में पहली बार सहकारी मॉडल पर आधारित टैक्सी सेवा ‘भारत टैक्सी’ दिसंबर 2025 से शुरू होने जा रही है। इसका पायलट प्रोजेक्ट नवंबर में दिल्ली से शुरू होगा, जिसमें 650 ड्राइवर हिस्सा लेंगे। अगले महीने से यह सेवा अन्य राज्यों में विस्तार करेगी, जिसमें 5,000 ड्राइवर और महिला ‘सारथी’ शामिल होंगी। यह पहल सहकारिता मंत्रालय और राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन के तहत शुरू की जा रही है, जिसे सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड संचालित करेगा।

क्या है भारत टैक्सी?  

‘भारत टैक्सी’ देश का पहला राष्ट्रीय सहकारी राइड हेलिंग प्लेटफॉर्म है, जिसमें ड्राइवर सह-मालिक होंगे। यह सेवा डिजिटल इंडिया का हिस्सा है और इसे ₹300 करोड़ की पूंजी के साथ जून में स्थापित सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड द्वारा संचालित किया जाएगा। इसकी संचालन परिषद में अमूल के एमडी जयेन मेहता (चेयरमैन) और एनसीडीसी के उप प्रबंध निदेशक रोहित गुप्ता (वाइस चेयरमैन) शामिल हैं। बोर्ड की पहली बैठक 16 अक्टूबर को हो चुकी है।

ओला-उबर से कैसे अलग?  

वर्तमान में ओला-उबर जैसी निजी कंपनियां टैक्सी सेवाएं दे रही हैं, लेकिन इनमें सुरक्षा और ड्राइवरों के कमीशन को लेकर सवाल उठते रहे हैं। भारत टैक्सी में ड्राइवरों से कोई कमीशन नहीं लिया जाएगा, बल्कि न्यूनतम सदस्यता शुल्क होगा। इसकी दरें पारदर्शी और स्थिर होंगी, जबकि ओला-उबर में डायनामिक प्राइसिंग के कारण पीक आवर्स में किराया बढ़ जाता है। भारत टैक्सी में पुलिस थानों से इंटीग्रेशन और डिस्ट्रेस बटन जैसे सुरक्षा फीचर्स होंगे। यह सेवा ग्रामीण क्षेत्रों पर भी फोकस करेगी।

महिला सशक्तीकरण पर जोर  

पहले चरण में 100 महिला ड्राइवर ‘सारथी’ के रूप में शामिल होंगी। 15 नवंबर से इन्हें मुफ्त प्रशिक्षण और विशेष बीमा दिया जाएगा। 2030 तक 15,000 महिला ड्राइवरों को जोड़ने का लक्ष्य है।

कैसे ले सकेंगे सेवा?  

भारत टैक्सी का ऐप नवंबर में ऐप स्टोर्स पर उपलब्ध होगा, जो हिंदी, गुजराती, मराठी और अंग्रेजी में होगा। ड्राइवरों को हर राइड की 100% कमाई मिलेगी, केवल मामूली दैनिक, साप्ताहिक या मासिक शुल्क देना होगा।

विस्तार की योजना  

– दिसंबर 2025-मार्च 2026: दिल्ली, राजकोट, मुंबई, पुणे में सेवा शुरू, 5,000 ड्राइवर।

– अप्रैल-दिसंबर 2026: लखनऊ, भोपाल, जयपुर में विस्तार, 15,000 ड्राइवर और 10,000 गाड़ियां।

– 2027-28: 20 शहरों में 50,000 ड्राइवरों के साथ पैन इंडिया सेवा, फास्टैग से जोड़ा जाएगा।

– 2028-30: जिला मुख्यालयों और गांवों में 1 लाख ड्राइवरों के साथ विस्तार।

लाभ और महत्व

केंद्र सरकार की इस पहल से ड्राइवरों को आर्थिक लाभ के साथ-साथ मालिकाना हक मिलेगा। सहकारी मॉडल के कारण यह सेवा न केवल किफायती होगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह ओला-उबर के एकाधिकार को चुनौती देगी और यात्रियों को सुरक्षित और सस्ती यात्रा का विकल्प देगी।

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