राजधानी की सड़कों पर चाकू-तलवार से हमला, गैंगवार में 9 आरोपी गिरफ्तार

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की सड़कों पर गैंगवार की खूनी साजिश एक बार फिर बेनकाब हुई है। पटेल नगर थाना क्षेत्र में दो प्रतिद्वंद्वी गिरोहों—सरकार ग्रुप और भगत सिंह ग्रुप—के बीच क्षेत्रीय वर्चस्व की जंग ने एक युवक की जान पर बन आई। पुलिस ने महज 12 घंटे के अंदर ब्लाइंड अटेम्प्ट टू मर्डर केस को सुलझाते हुए नौ आरोपियों को धर दबोचा, जिनमें सात नाबालिग शामिल हैं। घटना ने दिल्ली की कानून-व्यवस्था पर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं, जहां नौजवान गिरोहबाजी की दलदल में डूबते जा रहे हैं।

मध्य जिले के डीसीपी निधिन वल्सन ने बताया कि 9 अक्टूबर की शाम बालजीत नगर जा रहे भगत सिंह ग्रुप के सदस्य पर हमला हुआ। सरकारी ग्रुप के नेता शहरुफ (19) और हिमांशु (20) समेत अन्य ने चाकू, तलवार, पत्थर और डंडों से वार कर उसे बेहोश कर दिया। पीछे की वजह थी—कुछ दिन पहले भगत सिंह ग्रुप द्वारा शहरुफ, हिमांशु और अंश पर हमला। यह बदला था, जो गैंगवार की आग को और भड़का गया। क्षेत्र जैसे मोती नगर, बालजीत नगर, आनंद पर्वत और पांडव नगर इन गिरोहों के अड्डे बने हुए हैं। शहरुफ पूर्व में एमजे गैंग का सदस्य था, जिसने नया ग्रुप बनाकर दुश्मनी की नींव रखी।

एसएचओ इंस्पेक्टर नवीन कुमार के नेतृत्व में एसीपी सुनील कुमार की निगरानी में टीम गठित हुई। एसआई पीयूष, एसआई महेश, एचसी नागेंद्र, एचसी विनोद और अन्य ने सीसीटीवी फुटेज व खुफिया सूचना से आरोपियों को पकड़ा। गिरफ्तारों में शहरुफ (बसाई दारापुर), हिमांशु (न्यू मोती नगर) और सात नाबालिक (14-17 साल) शामिल हैं, जो बालजीत नगर व रणजीत नगर के रहने वाले हैं। हमले में इस्तेमाल दो चाकू और आरोपियों के कपड़े बरामद हुए।

बीती 10 अक्टूबर को धारा 109(1)/3(5) बीएनएस के तहत एफआईआर दर्ज हुई। डीसीपी निधिन वल्सन ने बताया कि यह कार्रवाई गैंगवार पर लगाम कसेगी। लेकिन सवाल यह है कि आखिर कब तक नौजवानों की यह खूनी खेल जारी रहेगा? पुलिस अब अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है, जबकि समाज को सोचना होगा कि ऐसे गिरोह कैसे पनप रहे हैं।

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