‘ऑनलाइन तांत्रिक’ बनकर करता था ठगी, तंत्र-मंत्र के नाम पर लूटी लाखों की राशि, पुलिस ने झुंझुनू से दबोचा

नई दिल्ली: नई दिल्ली जिला साइबर पुलिस ने इंस्टाग्राम पर फर्जी ‘तांत्रिक’ बनकर लोगों को ठगने वाले एक साइबर अपराधी को राजस्थान के झुंझुनू से गिरफ्तार किया है। 20 वर्षीय राहुल ने अघोरी जी राजस्थान नाम से फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट और वेबसाइट बनाकर भूत-प्रेत और निजी समस्याओं का डर दिखाकर ठगी की। उसने 50 से ज्यादा लोगों को ठगा, जिसमें एक पीड़िता से ₹1,14,000 की ठगी का मामला सामने आया।

नई दिल्ली के डीसीपी देवेश कुमार माहला ने बताया कि चाणक्यपुरी निवासी ने राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल पर शिकायत दर्ज की कि ‘अघोरी जी राजस्थान’ नामक इंस्टाग्राम पेज ने उन्हें तांत्रिक अनुष्ठानों के लिए लुभाया। आरोपी ने उनके घर में भूत-प्रेत होने का डर दिखाया और फर्जी भूतिया तस्वीरें भेजकर विश्वास जीता। विशेष पूजा के नाम पर उसने ₹1,14,000 ठग लिए और फिर संपर्क तोड़ दिया। इस आधार पर साइबर पुलिस स्टेशन, में 6 सितंबर को मामला दर्ज किया गया।

साइबर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर हरीश चंद्र और एसीपी वी.के.पी.एस. यादव के मार्गदर्शन में टीम ने जांच शुरू की। इंस्टाग्राम अकाउंट, मोबाइल नंबर और बैंक लेनदेन का विश्लेषण किया गया। ठगी की राशि राहुल के बैंक खातों में जमा हुई थी। उसका मोबाइल नंबर और उसके पिता व भाई के नाम पर रजिस्टर्ड अन्य नंबर भी ठगी से जुड़े पाए गए।

आरोपी बार-बार लोकेशन बदल रहा था, लेकिन तकनीकी निगरानी और स्थानीय सूत्रों की मदद से 9 अक्टूबर को झुंझुनू में छापा मारकर राहुल को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसने फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट और वेबसाइट के जरिए लोगों की भावनात्मक कमजोरियों का फायदा उठाकर ठगी करने की बात कबूल की। उसने बताया कि वह पेड विज्ञापनों के जरिए अपनी रील्स को प्रचारित करता था ताकि ज्यादा लोग उसके जाल में फंसें।

राहुल ने ‘@AGHORI_JI_RAJASTHAN’ नाम से फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट और वेबसाइट बनाकर खुद को तांत्रिक और काला जादू विशेषज्ञ बताया। वह ‘ब्रेकअप प्रॉब्लम सॉल्यूशन, प्रेम विवाह, पति-पत्नी में अनबन, सौतन से छुटकारा, तिल दोष’ जैसे वादों के साथ लोगों को डराता और पूजा-अनुष्ठान के लिए यूपीआई के जरिए पैसे मांगता था। पैसे मिलने के बाद वह संपर्क तोड़ देता था। अब तक उसने 50 से ज्यादा लोगों को ठगा है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More