नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाला रैकेट ध्वस्त, दो साइबर ठग गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली के बाहरी उत्तरी जिला साइबर थाना पुलिस ने नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाले एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है। इंस्पेक्टर गोविंद सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने दो साइबर ठगों, मोहम्मद अकबर (32) और रुपेंद्र कुमार (36) को गिरफ्तार कर लिया है। इनके कब्जे से दो मोबाइल फोन, एक पासबुक, एक चेकबुक और एक सिम कार्ड बरामद किया गया है। रुपेंद्र पहले भी दो आपराधिक मामलों में शामिल रहा है।

बाहरी उत्तरी जिले के डीसीपी हरेश्वर स्वामी ने बताया कि रोहिणी सेक्टर-28 निवासी ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की। उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति, जो खुद को जॉब कंसल्टेंट आशीष साहनी बता रहा था, उसने उन्हें पैनल एडवोकेट की नौकरी का लालच दिया। रजिस्ट्रेशन और दस्तावेज सत्यापन के नाम पर उनसे ₹39,498 ठग लिए गए। न तो नौकरी मिली और न ही पैसे वापस किए गए। इस आधार पर साइबर क्राइम थाने में मामला दर्ज किया गया।

टीम ने तकनीकी निगरानी और मैनुअल प्रयासों से जांच शुरू की। जांच में पता चला कि ठगी की राशि शिकायतकर्ता के खाते से तीन लेनदेन के जरिए अकबर के खाते में, और फिर संजय अहिरवाल के खाते में ₹33,000 ट्रांसफर किए गए।

आरोपियों के बार-बार सिम और डिवाइस बदलने के बावजूद, पुलिस ने लगातार तकनीकी निगरानी रखी और कई ठिकानों पर छापेमारी कर मोहम्मद अकबर को गिरफ्तार किया। अकबर की पूछताछ में रुपेंद्र कुमार और संजय अहिरवाल की संलिप्तता सामने आई। अकबर के बयान पर आगे की छापेमारी में रुपेंद्र को भी द्वारका से पकड़ा गया।

रुपेंद्र ने बताया कि मुख्य आरोपी प्रद्युमन पांडे कई बैंक खातों का इस्तेमाल कर ठगी की राशि इकट्ठा करता था। रुपेंद्र स्थानीय लोगों जैसे अकबर और संजय को 10% कमीशन देकर उनके खाते उपलब्ध करवाता था। ठगी की राशि पहले अकबर के खाते में, फिर संजय के बैंक खाते में ट्रांसफर होती थी। संजय पैसे निकालकर रुपेंद्र को देता, जो 10% हिस्सा रखकर बाकी प्रद्युमन को देता था। पुलिस अब प्रद्युमन और संजय की तलाश में है।

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