क्राइम ब्रांच की रेड में 914 बक्से प्रतिबंधित पटाखे जब्त, तीन गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अवैध पटाखों की तस्करी करने वाले एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई में 914 बक्सों में विभिन्न प्रकार के प्रतिबंधित पटाखे बरामद किए गए हैं। गिरफ्तार आरोपियों में भगवती प्रसाद, उनके बेटे तरुण सिंघल और राजीव गोयल शामिल हैं। क्राइम ब्रांच ने इस मामले में बीएनएस की धारा 223(बी)/288 और विस्फोटक अधिनियम की धारा 9(बी) के तहत मुकदमा दर्ज किया है।

क्राइम ब्रांच के डीसीपी आदित्य गौतम ने बताया कि इंटर स्टेट सेल को 1 अक्टूबर को एएसआई रतन के जरिए गुप्त सूचना मिली थी कि मंडोली क्षेत्र में एक व्यक्ति अवैध रूप से प्रतिबंधित पटाखों की सप्लाई कर रहा है। इस सूचना को आधार बनाकर क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू की और पाया कि भगवती प्रसाद ट्रांस यमुना क्षेत्र में पटाखों की तस्करी में लिप्त है। एक मुखबिर के माध्यम से भगवती प्रसाद से संपर्क किया गया, जिसने बैंक एनक्लेव रोड, मंडोली के पास डिलीवरी का वादा किया।

इंस्पेक्टर शिवराज सिंह बिष्ट के नेतृत्व में और एसीपी रमेश चंदर लांबा की निगरानी में एक विशेष टीम गठित की गई, जिसमें एसआई रविंदर कुमार, एसआई संजय कुमार, डब्ल्यूएसआई सिमरजीत कौर, एएसआई रतन सिंह, एएसआई वीरेंद्र सिंह, एचसी राम हरि, एचसी विकास, एचसी नरेंद्र और कांस्टेबल प्रवीन कुमार शामिल थे। इस टीम ने स्थानीय स्तर पर जांच की और 1 अक्टूबर, की रात करीब 11:45 बजे मंडोली के बैंक कॉलोनी रोड पर जाल बिछाकर भगवती प्रसाद और उनके बेटे तरुण सिंघल को एक होंडा एक्टिवा स्कूटी के साथ पकड़ा।

पूछताछ में भगवती प्रसाद और तरुण ने खुलासा किया कि वे नंद नगरी फाटक के पास एक दुकान से पटाखों की सप्लाई करते हैं। क्राइम ब्रांच ने दुकान पर छापा मारकर 13 प्रकार के 71 बक्से प्रतिबंधित पटाखे बरामद किए। इसके बाद दोनों ने बताया कि वे ये पटाखे राजीव गोयल से खरीदते थे। इस सूचना पर क्राइम ब्रांच ने मंडोली रोड पर राजीव गोयल के गोदाम पर छापा मारा, जहां 17 प्रकार के 818 बक्से प्रतिबंधित पटाखे बरामद किए गए। राजीव गोयल ने पूछताछ में बताया कि उसने ये पटाखे मेरठ से खरीदे थे।

तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और मामले की गहन जांच जारी है। क्राइम ब्रांच के डीसीपी आदित्य गौतम ने बताया कि यह कार्रवाई दिल्ली में पर्यावरण और जनसुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रतिबंधित पटाखों की तस्करी पर अंकुश लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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