फर्जी दस्तावेजों से विदेश भेजने वाले मास्टरमाइंड 6 साल बाद अहमदाबाद से दबोचा, लाखों की ठगी का खुलासा

नई दिल्ली: दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए लोगों को विदेश भेजने वाले एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने कनाडा के स्थायी निवासी गुरमृतपाल सिंह मुल्तानी उर्फ पाली (54 वर्ष) को अहमदाबाद एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया। यह शातिर 2019 के एक मामले में वांछित था, जिसमें उसने फर्जी समोआ सतत निर्वहन प्रमाणपत्र (CDC) बनवाकर दो लोगों को विदेश भेजने की कोशिश की थी। हर यात्री से उसने 20 लाख रुपये वसूले थे। गुरमृतपाल पर इस तरह के सात मामले पहले से दर्ज हैं।

IGI एयरपोर्ट के डीसीपी विचित्र वीर ने बताया कि 27 सितंबर 2019 को इमिग्रेशन डिपार्टमेंट ने IGI एयरपोर्ट पुलिस को सूचना दी कि इथियोपिया से नौ भारतीय यात्रियों को डिपोर्ट किया गया है। इनके पास समोआ सरकार के नाम से फर्जी CDC थे, जिन्हें समोआ सरकार ने अवैध घोषित किया। इस पर थाना IGI एयरपोर्ट में प्राथमिकी दर्ज की गई, जिसमें धारा 420/468/471/120B IPC और 12 पासपोर्ट एक्ट के तहत जांच शुरू हुई। जांच में पता चला कि गुरमृतपाल सिंह मुल्तानी उर्फ पाली ने जालंधर के अपने साथी मनजीत के साथ मिलकर दो यात्रियों के लिए फर्जी CDC तैयार किए थे।

पुलिस ने तुरंत एक विशेष टीम गठित की, जिसमें इंस्पेक्टर सतीश यादव और कॉन्स्टेबल हेमंत शामिल थे। यह टीम इंस्पेक्टर वीरेंद्र त्यागी और एसीपी प्रदीप मीणा की निगरानी में काम कर रही थी। जांच के दौरान पता चला कि गुरमृतपाल कनाडा में रहता है। हाल ही में जब वह भारत लौटा, तो पुलिस ने उसे 29 सितंबर 2025 को अहमदाबाद एयरपोर्ट पर धर दबोचा।

पुलिस पूछताछ में गुरमृतपाल ने बताया कि वह गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, पंजाब से राष्ट्रीय स्तर का कबड्डी खिलाड़ी रहा है। 1995 में वह अपने परिवार के साथ कनाडा चला गया और 1999 में उसे कनाडा की स्थायी निवासिता मिली। उसने 1996-97 में कनाडा के हैमिल्टन पंजाब स्पोर्ट्स क्लब के लिए कबड्डी खेली। आसान और जल्दी पैसा कमाने की लालच में उसने फर्जी दस्तावेजों के जरिए लोगों को विदेश भेजने का धंधा शुरू किया। 2019 में उसने अपने साथी मनजीत के साथ दो यात्रियों के लिए फर्जी CDC बनवाए, जिसके लिए उसने प्रति यात्री 20 लाख रुपये लिए।

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, गुरमृतपाल पर फर्जी वीजा और पासपोर्ट से जुड़े सात मामले दर्ज हैं, जिनमें 2009 में चार, 2012 में एक, 2019 में एक और 2021 में एक मामला शामिल है। उसकी गिरफ्तारी से पुलिस को उम्मीद है कि इस रैकेट के अन्य लिंक भी सामने आएंगे।

डीसीपी ने बताया कि सितंबर 2025 में फर्जी वीजा और पासपोर्ट से जुड़े मामलों में कुल 52 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें पहले से दर्ज मामलों में वांछित अपराधी भी शामिल हैं। पुलिस अब गुरमृतपाल के नेटवर्क की और जांच कर रही है।

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