द्वारका के रामलीला मेले में बिछड़े 5 साल के मासूम को पुलिस ने मां से मिलाया

नई दिल्ली: द्वारका जिले की पुलिस ने ‘ऑपरेशन मिलाप’ के तहत ‘खोया-पाया मिशन’ को एक बार फिर साकार किया। रामलीला मेले में गुम हुए 5 साल के एक बच्चे को उसकी मां और परिवार से मिलाने में द्वारका पुलिस ने बजरंगी भाईजान की तरह मानवता की मिसाल पेश की। सेक्टर-10 चौकी की टीम ने कड़ी मेहनत और संवेदनशीलता के साथ इस बच्चे को उसके परिजनों तक पहुंचाया, जिसके बाद मां की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

द्वारका के डीसीपी अंकित सिंह ने बताया कि 29-30 सितंबर की रात द्वारका के रामलीला मेले में बिहार के दरभंगा निवासी एक 5 साल का बच्चा अपने परिवार से बिछड़ गया। रोता हुआ और घबराया बच्चा मेले में अकेला था। तभी सेक्टर-10 चौकी प्रभारी सब-इंस्पेक्टर राजत मलिक और हेड कॉन्स्टेबल कमलेश ने उसे देखा। पुलिसकर्मियों ने बच्चे को गोद में उठाकर प्यार-दुलार के साथ उसका डर कम करने की कोशिश की। बच्चा छोटा होने के कारण अपने परिजनों के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दे पा रहा था।

डीसीपी अंकित सिंह के नेतृत्व में जिले के सभी रामलीला मेलों में ‘खोया-पाया केंद्र’ स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों के जरिए मेले में गुम हुए बच्चों, बुजुर्गों या अन्य लोगों को उनके परिवारों से मिलाने में मदद की जा रही है। इस घटना में भी पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए मेले में मौजूद सभी स्टेकहोल्डर्स को सूचना दी और लाउडस्पीकर के जरिए बच्चे के बारे में ऐलान करवाया।

पुलिस ने बच्चे को गोद में लेकर मेले और पार्किंग क्षेत्र में परिजनों की तलाश की। कड़ी मशक्कत के बाद बच्चे के माता-पिता को सड़क पर ढूंढ लिया गया, जो अपने बेटे की तलाश में परेशान थे। पहचान की प्रक्रिया पूरी करने के बाद बच्चे को उसके परिवार को सौंप दिया गया। मां ने अपने बेटे को गले लगाते हुए पुलिस का दिल से आभार जताया।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More