कलिंदि कुंज में स्वच्छता का महासंगम, ‘एक दिन, एक घंटा, एक साथ’ श्रमदान में उमड़ा जनसैलाब

नई दिल्ली: स्वच्छता को लेकर महात्मा गांधी के सपनों को साकार करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल और जल शक्ति राज्य मंत्री वी. सोमनना के नेतृत्व में गुरुवार को दिल्ली के कलिंदि कुंज, यमुना घाट पर ‘स्वच्छता ही सेवा 2025’ अभियान के तहत ‘एक दिन, एक घंटा, एक साथ’ श्रमदान का भव्य आयोजन किया गया। सुबह 8:00 से 9:00 बजे तक चले इस कार्यक्रम में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया और यमुना घाट से लगभग 2500 किलो कचरा एकत्र कर स्वच्छता का संदेश दिया।

जन भागीदारी का अनूठा प्रदर्शन  

पेयजल और स्वच्छता विभाग (DDWS) के सचिव अशोक के.के. मीणा की अगुवाई में आयोजित इस श्रमदान में युवा स्वयंसेवक, ग्रामीण वॉश पार्टनर, गैर-सरकारी संगठन (NGO), सिविल सोसाइटी संगठन (CSO), और छात्र-छात्राएं शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत स्वच्छता शपथ के साथ हुई, जिसमें सभी ने अपने आसपास स्वच्छता बनाए रखने और दूसरों को प्रेरित करने का संकल्प लिया। यह आयोजन पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर हुआ, जिनके ‘अंत्योदय’ दर्शन ने जन-जन को स्वच्छता और विकास के लिए प्रेरित किया।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री सी.आर. पाटिल ने कहा कि महात्मा गांधी ने ‘स्वच्छता’ को ‘स्वतंत्रता’ के समान महत्व दिया था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वच्छ भारत अभियान की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा कि यह आंदोलन आज नई ऊंचाइयों को छू रहा है। उन्होंने यमुना को दिल्ली की जीवनरेखा बताते हुए नागरिकों से अपील की कि वे प्रदूषण रोकने में सक्रिय भूमिका निभाएं, क्योंकि स्वच्छता के प्रयास तभी सार्थक होंगे जब प्रदूषण की शुरुआत ही न हो।

स्वच्छता ही सेवा अभियान का हिस्सा  

DDWS सचिव अशोक के.के. मीणा ने स्वागत भाषण में बताया कि यह श्रमदान ‘स्वच्छता ही सेवा 2025’ अभियान का हिस्सा है, जो 17 सितंबर से शुरू होकर 2 अक्टूबर, गांधी जयंती को स्वच्छ भारत दिवस के रूप में समाप्त होगा। उन्होंने कहा कि जन भागीदारी स्वच्छता आंदोलन का मूल मंत्र है, और यह आयोजन समुदाय को एकजुट करने का एक और प्रयास है। देशभर में विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, राज्य सरकारों, पंचायतों और स्थानीय निकायों ने एक साथ समानांतर श्रमदान गतिविधियां आयोजित कीं, जिसने सामूहिक स्वच्छता के संदेश को और मजबूत किया।

2500 किलो कचरे ने दिया स्वच्छता का संदेश 

कलिंदि कुंज के यमुना घाट पर आयोजित इस श्रमदान में करीब 2500 किलो कचरा एकत्र किया गया, जिसने न केवल घाट की स्वच्छता को बहाल किया, बल्कि जन भागीदारी और सामूहिक शक्ति का एक मजबूत संदेश भी दिया। यह आयोजन न केवल दिल्ली, बल्कि पूरे देश में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने में मील का पत्थर साबित हुआ।

देशभर में गूंजा स्वच्छता का नारा 

‘एक दिन, एक घंटा, एक साथ’ अभियान के तहत देश के कोने-कोने में स्वच्छता के लिए श्रमदान किए गए। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पंचायतों, स्थानीय निकायों और सामाजिक संगठनों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। यह अभियान न केवल स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने में सफल रहा, बल्कि सामुदायिक सहभागिता को भी बढ़ावा दे रहा है।

पाटिल ने इस अवसर पर नागरिकों से आह्वान किया कि वे स्वच्छता को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं। उन्होंने कहा कि यमुना जैसी नदियों को स्वच्छ रखना हमारी सांस्कृतिक और पर्यावरणीय जिम्मेदारी है। इस आयोजन ने न केवल यमुना घाट को स्वच्छ किया, बल्कि यह भी दिखाया कि सामूहिक प्रयासों से बड़े बदलाव संभव हैं।

स्वच्छ भारत का सपना साकार  

‘स्वच्छता ही सेवा 2025’ अभियान के तहत इस तरह के आयोजन देशभर में स्वच्छता के प्रति लोगों को प्रेरित कर रहे हैं। यह अभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक कदम है, बल्कि सामाजिक एकता और नागरिक जिम्मेदारी को भी मजबूत करता है। जैसे-जैसे 2 अक्टूबर नजदीक आ रहा है, स्वच्छता का यह उत्सव और भी जोर पकड़ रहा है।

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