नंगली डेयरी में देश का पहला 200 टन गोबर आधारित बायोगैस प्लांट शुरू, यमुना की स्वच्छता और ग्रामीणों की आय में होगा इजाफा

नई दिल्ली: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शनिवार को नजफगढ़ के नंगली डेयरी में देश के पहले 200 मीट्रिक टन प्रतिदिन गोबर आधारित बायोगैस संयंत्र का भव्य उद्घाटन किया। यह ऐतिहासिक कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में आयोजित ‘सेवा पखवाड़ा’ के तहत उठाया गया, जो दिल्ली को स्वच्छ, आत्मनिर्भर और हरित राजधानी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस परियोजना से न केवल पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा, बल्कि स्थानीय ग्रामीणों और डेयरी मालिकों को आर्थिक लाभ भी होगा, साथ ही यमुना नदी की स्वच्छता में भी क्रांतिकारी बदलाव आएगा।

नंगली बायोगैस संयंत्र: एक नजर में

नंगली डेयरी में स्थापित यह बायोगैस संयंत्र प्रतिदिन 200 मीट्रिक टन गोबर अपशिष्ट का प्रबंधन करेगा। इससे कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) और उच्च गुणवत्ता वाली जैविक खाद का उत्पादन होगा। संयंत्र की स्थापना से डेयरियों से निकलने वाले गोबर अपशिष्ट के कारण होने वाले प्रदूषण पर रोक लगेगी, जो नालियों और नदियों, खासकर यमुना को दूषित करता है। यह परियोजना लगभग 16 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित की गई है, जिसमें भारत सरकार के आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय की शहरी विकास निधि से आंशिक वित्त पोषण किया गया है। संयंत्र को मेसर्स सीईआईडी को डिजाइन, निर्माण, वित्तपोषण, संचालन और हस्तांतरण (डीबीएफओटी) मॉडल के तहत सौंपा गया है, जिसका कार्य दिसंबर 2018 में शुरू हुआ था।

क्या है इसकी खासियत?

उत्पादन क्षमता: यह संयंत्र प्रतिदिन 14,000 घन मीटर कच्ची बायोगैस और 5.6 टन शुद्ध सीएनजी का उत्पादन करेगा। उत्पादित बायोगैस को पाइपलाइन के माध्यम से इंडियन गैस लिमिटेड (आईजीएल) को आपूर्ति की जाएगी।

जैविक खाद: बायोगैस उत्पादन के बाद बची स्लरी का उपयोग प्राकृतिक उर्वरक के रूप में होगा, जो मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में कारगर सिद्ध होगी।

आर्थिक लाभ: डेयरी मालिकों को उनके गोबर अपशिष्ट के लिए 65 पैसे प्रति किलोग्राम की दर से भुगतान किया जाएगा, जिससे स्थानीय ग्रामीणों की आय में वृद्धि होगी।

पर्यावरण संरक्षण: गोबर अपशिष्ट का नालियों में बहना बंद होगा, जिससे यमुना नदी और आसपास के जलस्रोतों की स्वच्छता में सुधार होगा।

क्षेत्र: संयंत्र को नंगली डेयरी कॉलोनी में 2.72 एकड़ भूमि पर स्थापित किया गया है।

मुख्यमंत्री का संदेश: स्वच्छता और आत्मनिर्भरता की नई मिसाल

उद्घाटन समारोह में अपने संबोधन में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज नंगली बायोगैस संयंत्र का उद्घाटन दिल्ली के लिए गर्व का क्षण है। यह संयंत्र न केवल क्षेत्र में सफाई सुनिश्चित करेगा, बल्कि ग्रामीणों को उनके मवेशियों के गोबर के लिए आर्थिक लाभ भी देगा। यह यमुना की स्वच्छता के लिए मील का पत्थर साबित होगा।”

उन्होंने पूर्व की आप सरकार पर तंज कसते हुए कहा, “पिछले आठ वर्षों में केंद्र सरकार के फंड उपलब्ध होने के बावजूद दिल्ली में ऐसी कोई परियोजना शुरू नहीं हुई। हमारी ट्रिपल इंजन सरकार दिल्ली के हर कोने में लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है।” उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली में और बायोगैस संयंत्र स्थापित किए जाएंगे, जिससे कचरे का निपटान होगा और हरित ऊर्जा का उत्पादन बढ़ेगा।

शहरी विकास मंत्री आशीष सूद ने इसे दिल्ली को स्वच्छ और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा, “यह संयंत्र कचरे को संपत्ति में बदलने का जीता-जागता उदाहरण है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पिछले छह महीनों में दिल्ली के हर क्षेत्र का दौरा किया और लोगों की समस्याओं को समझकर उनके समाधान के लिए दिन-रात काम किया।”

महापौर सरदार राजा इकबाल सिंह ने कहा, “दिल्ली की बीजेपी सरकार कूड़े की समस्या से निपटने के लिए कटिबद्ध है। यह संयंत्र गोबर अपशिष्ट के उचित प्रबंधन के लिए समर्पित है, जिससे नालियों और यमुना का प्रदूषण रुकेगा। अब गोबर को कचरा नहीं, बल्कि संपत्ति के रूप में देखा जाएगा।”

पश्चिमी दिल्ली की सांसद कमलजीत सहरावत ने नजफगढ़ क्षेत्र में इस परियोजना को शुरू करने के लिए दिल्ली सरकार की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “पिछले कई दशकों से ग्रामीण गोबर अपशिष्ट की समस्या से जूझ रहे थे। बीजेपी सरकार ने इस समस्या को समझा और इसका समाधान निकाला। यह केवल बीजेपी ही कर सकती है।”

निगम आयुक्त अश्वनी कुमार ने बताया कि दिल्ली नगर निगम जल्द ही घोघा डेयरी में एक और बायोगैस संयंत्र शुरू करेगा, जबकि अगले वर्ष दो नए संयंत्रों का लोकार्पण होगा। उन्होंने कहा, “डेयरी मालिकों को गोबर के लिए उचित भुगतान मिलेगा, जिससे उनकी आय बढ़ेगी और पर्यावरण को भी लाभ होगा।”

गोबर अपशिष्ट की स्थिति

नंगली डेयरी में करीब 13,000 और ककरोला डेयरी में 7,000 मवेशी हैं। प्रत्येक मवेशी प्रतिदिन औसतन 10 किलोग्राम गोबर अपशिष्ट उत्पन्न करता है। इस प्रकार, दोनों डेयरियों से प्रतिदिन लगभग 200 मीट्रिक टन गोबर अपशिष्ट निकलता है, जिसका अब इस संयंत्र के माध्यम से वैज्ञानिक निपटान होगा।

उद्घाटन समारोह में शहरी विकास मंत्री आशीष सूद, महापौर सरदार राजा इकबाल सिंह, सांसद कमलजीत सहरावत, उपमहापौर जय भगवान यादव, स्थायी समिति की अध्यक्ष सत्या शर्मा, निगम के नेता सदन प्रवेश वाही, स्थायी समिति के उपाध्यक्ष सुंदर तंवर, विधायक संदीप सहरावत, नजफगढ़ क्षेत्र की अध्यक्ष सविता शर्मा, डेम्स समिति के अध्यक्ष संदीप कपूर, निगम आयुक्त अश्वनी कुमार, सीईआईडी के सीईओ प्रिंस गांधी, कई स्थानीय नागरिक और निगम के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने केजरीवाल सरकार पर गोवंश के कल्याण और पर्यावरण संरक्षण के लिए कोई ठोस कदम न उठाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “पिछली सरकार ने गौमाता को लेकर केवल राजनीति की। सड़कों पर घूमने वाली गायों और गोबर की समस्या का कोई समाधान नहीं किया गया। हमारी सरकार ने सत्ता में आते ही गौशालाएं बनवाने, बायोगैस संयंत्र स्थापित करने और नालों की सफाई जैसे कदम उठाए।”

सेवा पखवाड़ा: एक संकल्प

मुख्यमंत्री ने ‘सेवा पखवाड़ा’ को केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने का दृढ़ संकल्प बताया। उन्होंने कहा, “27 साल की कुव्यवस्था को सुधारने में समय लगेगा, लेकिन हमारी सरकार जनहित के कार्यों में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।”

दिल्ली नगर निगम ने इस परियोजना को एक शुरुआत बताया और कहा कि आने वाले समय में दिल्ली के अन्य हिस्सों में भी ऐसे संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। यह न केवल कचरे के प्रबंधन में मदद करेगा, बल्कि हरित ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देगा, जो भारत के स्वच्छ भारत और हरित ऊर्जा मिशन को गति देगा।

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