फरीदाबाद में साइबर ठगों पर पुलिस का शिकंजा: सात गिरफ्तारियां, 88 लाख से ज्यादा की ठगी का खुलासा

फरीदाबाद: फरीदाबाद पुलिस ने साइबर ठगों के खिलाफ सख्ती बरतते हुए एक ही दिन में सात आरोपियों को गिरफ्तार किया। ये गिरफ्तारियां शेयर मार्केट निवेश, टेलीग्राम टास्क, क्रेडिट कार्ड बिल कम करने के झांसे और पार्ट टाइम जॉब के नाम पर की गई ठगियों के मामलों में हुईं। कुल ठगी की रकम 88 लाख 80,796 रुपये से ज्यादा बताई जा रही है। पुलिस ने सभी को रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है, जबकि कुछ सह-आरोपियों को पहले ही जेल भेजा जा चुका है।

शेयर मार्केट के नाम पर 38.75 लाख की ठगी

सेक्टर-16A के एक व्यक्ति ने थाना सेंट्रल में शिकायत दर्ज कराई कि ठगों ने फोन पर शेयर मार्केट में निवेश का लालच देकर व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा। कुल 38,75,000 रुपये निवेश करने के बाद पैसे निकालने पर और मांग की गई। साइबर थाना सेंट्रल की टीम ने राजस्थान के सीकर जिले के ओमप्रकाश (27 वर्ष) को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि ओमप्रकाश ने शेलेंद्र से खाता लेकर ठगों को दिया था। उसके खाते में 10 लाख रुपये आए थे। ओमप्रकाश 12वीं पास है। शेलेंद्र को 3 दिन के रिमांड पर लेकर जेल भेजा गया, जबकि ओमप्रकाश को 2 दिन का रिमांड मिला। मामले में पहले 5 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं।

टेलीग्राम टास्क से 94,801 रुपये ऐंठे

सेक्टर-19 के एक व्यक्ति ने बताया कि 12 फरवरी को फोन पर टेलीग्राम टास्क से कमाई का लालच दिया गया। छोटे टास्क पर 2,000 रुपये मिले, लेकिन बाद में 94,801 रुपये ऐंठ लिए गए। साइबर थाना सेंट्रल ने राजस्थान के डींग जिले के मोहम्मद अकबर (30 वर्ष) को दबोचा। अकबर ठगी के पैसे एटीएम और ई-मित्र/सीएससी से निकालता था। वह 10वीं पास है और गांव में ई-मित्र चलाता है। उसे 2 दिन के रिमांड पर लिया गया। पहले साबिर (खाताधारक), मुकद्दर और रहिश को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।

क्रेडिट कार्ड बिल कम करने के बहाने 1.49 लाख की चपत

सेक्टर-65 के एक व्यक्ति को फोन पर कैश अर्न पॉइंट्स से क्रेडिट कार्ड बिल 10,000 रुपये कम करने का झांसा दिया गया। व्हाट्सएप पर लिंक भेजकर ऐप डाउनलोड करवाया और वेरिफिकेशन कोड पूछने पर 1,49,250 रुपये कट गए। साइबर थाना बल्लभगढ़ ने उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के शिकोहाबाद के अनुज (26 वर्ष) को गिरफ्तार किया। अनुज ने ही कॉल किया था। वह 12वीं पास है। उसे 3 दिन का रिमांड मिला। सह-आरोपी सौरभ मांझी पहले गिरफ्तार हो चुका है।

 GQG ट्रेडिंग के नाम पर 35.20 लाख उड़ाए

ग्रीनफील्ड कॉलोनी के एक व्यक्ति ने 20 जनवरी 2024 को फोन पर GQG कंपनी का एजेंट बनकर व्हाट्सएप ग्रुप जोड़ा और ऐप डाउनलोड करवाकर 35,20,000 रुपये निवेश करवाए। पैसे निकालने पर रिक्वेस्ट कैंसल कर दी। साइबर थाना एनआईटी ने गोवा के मोरजीम नॉर्थ के कमलजीत सिंह (47 वर्ष) को पकड़ा। कमलजीत होटल चलाता है और शरद (खाताधारक) के खाते को 4 लाख में चीनी ठगों को टेलीग्राम पर बेचा था। शरद के खाते में 5.50 लाख आए थे। कमलजीत को 3 दिन का रिमांड मिला। शरद पहले गिरफ्तार हो चुका है।

सोशल मीडिया विज्ञापन से 9.41 लाख की ठगी

बसेलवा कॉलोनी के एक व्यक्ति ने 31 जुलाई को सोशल मीडिया पर शेयर मार्केट का विज्ञापन देखा, जो व्हाट्सएप ग्रुप में ले गया। कुल 9,41,558 रुपये निवेश के बाद कोई रिटर्न नहीं मिला। साइबर थाना सेंट्रल ने हरियाणा के करनाल जिले के संदीप सिंह (33 वर्ष) को गिरफ्तार किया। संदीप खाताधारक था और ड्राइवरी करता है। उसके खाते में 50,000 रुपये आए थे। उसे 8 दिन का रिमांड मिला।

टेलीग्राम टास्क से 4.53 लाख ऐंठे

सेक्टर-70 के एक व्यक्ति को 13 फरवरी को व्हाट्सएप पर पार्ट टाइम वर्क का मैसेज आया। टेलीग्राम पर टास्क दिए गए, 120 रुपये का भुगतान हुआ, लेकिन बाद में 4,53,045 रुपये ले लिए गए। साइबर थाना बल्लभगढ़ ने राजस्थान के दौसा जिले के रितिक मीणा (24 वर्ष) को दबोचा। रितिक ठगी के खाते मैनेज करता था। वह बीएससी पास है और जर्नलिज्म कोर्स कर रहा है। उसके खाते में 50,000 रुपये आए थे। उसे 3 दिन का रिमांड मिला। खाताधारक राहुल मीणा और एक अन्य पहले गिरफ्तार हो चुके हैं।

इंस्टाग्राम जॉब से 80,201 रुपये की चपत

एनआईटी-3 की एक महिला ने 4 मार्च 2024 को इंस्टाग्राम पर पार्ट टाइम जॉब का विज्ञापन देखा। रजिस्ट्रेशन के लिए 499 रुपये लिए और लालच देकर 80,201 रुपये ऐंठ लिए। साइबर थाना एनआईटी ने राजस्थान के जयपुर के प्रदीप मीणा (24 वर्ष) को गिरफ्तार किया। प्रदीप खाताधारक था और गाड़ी सेल-पर्चेज का काम करता है। वह बीए पास है। उसके खाते में 50,000 रुपये आए थे। उसे 2 दिन का रिमांड मिला।

पुलिस प्रवक्ता यशपाल ने बताया कि ये कार्रवाइयां डीसीपी साइबर के नेतृत्व में हुईं। उन्होंने लोगों से सतर्क रहने और संदिग्ध कॉल/लिंक पर न फंसने की अपील की। साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें। यह सिलसिला साइबर अपराध पर लगाम कसने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

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