ओ तेरी! एक ही घर में 4271 वोटर… ऐसे कैसे? यूपी के दो घरों में गड़बड़झाला, मतदाता सूची देखकर चकरा जाएगा माथा

राष्ट्रीय जजमेंट

महोबा। बिहार में SIR को लेकर मचे घमासान के बीच उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतदाता सूची में भारी गड़बड़ी सामने आ रही है। यहां सत्यापन के दौरान एक ग्राम पंचायत में एक ही मकान नंबर पर 632 मतदाता दर्ज मिले हैं। तो वहीं, दूसरी ग्राम पंचायत में एक मकान पर 4000 से ज्यादा मतदाता दर्ज मिले हैं। मामला सामने आने के बाद अधिकारी इसे लिपिकीय त्रुटि बता सही कराने की बात कह रहे हैं। जनपद में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) से मतदाता सूची की हुई जांच में 106542 डुप्लीकेट मतदाता पाए गए हैं, जिनका सत्यापन कराया जा रहा है।ये पूरा मामला चौंकाने वाला है। दरअसल, इस समय पंचायत चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम कराया जा रहा है, जो 29 सितंबर तक चलेगा। इसके तहत बीएलओ डोर टू डोर डुप्लीकेट मतदाताओं की जांच कर रहे हैं। इस दौरान यूपी के महोबा जिले में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतदाता सूची की हुई जांच में 106542 डुप्लीकेट मतदाता पाए गए हैं। जनपद की कुलपहाड़ तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत जैतपुर में अभियान के दौरान बीएलओ डोर-टू-डोर संपर्क कर रहे थे। यहां वृंदावन के मकान नंबर 803 में मतदाता सूची क्रमांक 2283 से 6969 तक 4271 मतदाता दर्ज पाए गए हैं। लिस्ट को देख सत्यापन का काम कर रही बीएलओ रश्मि का माथा चकरा गया। बीएलओ ने एसडीएम कुलपहाड़ को जानकारी देकर मामले से अवगत कराया है।
सवालों के घेरे में मतदाता सूचीऐसा ही मामला दूसरी ग्राम पंचायत पनवाड़ी से सामने आया है, जहां वार्ड नंबर चार निवासी शिक्षक कमाल के मकान नंबर 1021 में 632 मतदाताओं के नाम दर्ज पाए गए हैं। तो वहीं, इसके पहले इसी ग्राम पंचायत के एक मकान में 243, तो दूसरे मकान में 185 मतदाता दर्ज मिले थे। जबकि, कुछ मकानों में 29 तक मतदाताओं के नाम सामने आ रहे हैं। इससे मतदाता सूची सवालों के घेरे में आ रही है।
मतदाता सूची हो रही दुरुस्त
अपर जिलाधिकारी कुंवर पंकज के अनुसार पंचायत चुनाव को लेकर बीएलओ डोर-टू-डोर सर्वे कर रहे हैं। वर्ष 2021 की मतदाता सूची में नाम जोड़ने, मृतकों के नाम हटाने और सूची संशोधन का काम किया जा रहा है। गांव में ज्यादातर मकान नंबर नहीं होते हैं। बीएलओ के द्वारा वर्ष 2021 में मतदाता सूची पुनरीक्षण के काम में ध्यान नहीं दिया गया और लोगों के मकान का एक ही नंबर दर्ज किया गया है। मतदाता उसी ग्राम पंचायत के हैं, सभी का सत्यापन कराया जा रहा है। यह एक मानवीय लिपिकीय त्रुटि है। इसके संशोधन की कार्यवाही की जा रही है जिससे मतदाता सूची पूर्णतः दुरुस्त रहे।
एक ही घर के मतदाता अलग-अलग दर्ज
एक एक घर में सैकड़ों नहीं, बल्कि हजारों की संख्या में मतदाता दर्ज होने से सत्यापन का काम कर रहे बीएलओ खासे हैरान हैं। वहीं, ग्रामीण भी सकते में हैं कि उनके एक मकान में जहां गिनती के लोग रहते हैं, वहां पर हजारों मतदाता दर्ज हैं। ग्रामीणों के अनुसार, एक ही घर के मतदाताओं के नाम अलग-अलग मकान नंबरों में अलग अलग दर्ज हैं। एक क्रम से मतदाता सूची तैयार नहीं है। मतदाता सूची के गड़बड़ होने पर विपक्ष भी इसकी सुचिता पर सवाल उठा रहा है।

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