पुलिस की 58 ठिकानों पर छापेमारी, 6 गिरफ्तार, 49 लाख नकद, बुलेटप्रूफ SUV, कई किलो सोना–चांदी व हथियार बरामद

नई दिल्ली: दिल्ली और एनसीआर में संगठित अपराध के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने बुधवार देर रात अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन चलाया। इस मेगा अभियान में दिल्ली, सोनीपत, सांपला, झज्जर, रोहतक और बहादुरगढ़ के 58 संवेदनशील ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई। पुलिस ने इस कार्रवाई को “गैंगस्टरों की कमर तोड़ने” और संगठित अपराध के नेटवर्क को ध्वस्त करने का मिशन करार दिया है। इस ऑपरेशन में 820 पुलिसकर्मियों की विशाल टीम ने हिस्सा लिया, जिसने न केवल अपराधियों को दबोचा बल्कि भारी मात्रा में नकदी, हथियार और कीमती सामान भी बरामद किया।

यह अभियान दिल्ली पुलिस के आउटर नॉर्थ और रोहिणी जिलों की संयुक्त कार्रवाई थी। कुल 58 टीमें बनाई गईं, जिनमें आउटर नॉर्थ जिले की 39 टीमें (500 जवान) और रोहिणी जिले की 19 टीमें (320 जवान) शामिल थीं। इन टीमों का नेतृत्व इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों और दोनों जिलों के असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (ऑपरेशंस) ने किया। ऑपरेशन की निगरानी आउटर नॉर्थ के डीसीपी हरीश्वर स्वामी और रोहिणी के डीसीपी राजीव रंजन ने की, जबकि जॉइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस विजय सिंह ने पूरे अभियान की कमान संभाली।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई महीनों की खुफिया जानकारी और सटीक योजना का नतीजा थी। गैंग्स के ठिकानों, उनके हथियारों, वित्तीय लेन-देन और आपराधिक गतिविधियों पर नजर रखने के बाद पुलिस ने एक साथ कई शहरों में छापेमारी की रणनीति बनाई। इस ऑपरेशन का मकसद न केवल अपराधियों को पकड़ना था, बल्कि उनके नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त कर दिल्ली-NCR में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना भी था।

36 संदिग्ध हिरासत में, 6 की गिरफ्तारी

छापेमारी के दौरान पुलिस ने 36 संदिग्धों को हिरासत में लिया, जिनमें से 6 को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान खेड़ा खुर्द निवासी शक्तिमान (34 वर्ष), नरेला निवासी वेदपाल (55 वर्ष), बवाना निवासी प्रेम सिंह सहरावत (67 वर्ष), कराला निवासी नवीन (30 वर्ष), कराला निवासी अंकित उर्फ विशाल (25 वर्ष) और कराला निवासी हरिओम उर्फ अंकित उर्फ अक्की (25 वर्ष) के रूप में हुई है। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों का संबंध दिल्ली-NCR के कुख्यात गैंग्स जैसे काला जठेड़ी, जितेंद्र उर्फ गोगी, नीरज बवाना, राजेश बवाना, तिल्लू ताजपुरिया, कपिल सांगवान उर्फ नंदू और नेट्टू दबोड़ा से बताया जा रहा है। ये गैंग्स लंबे समय से हत्या, उगाही, डकैती और हथियारों की तस्करी जैसे संगीन अपराधों में शामिल रहे हैं। पुलिस ने इनके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत 7 मामले दर्ज किए हैं। बाकी हिरासत में लिए गए संदिग्धों से पूछताछ जारी है, ताकि गैंग्स के नेटवर्क और उनकी आपराधिक गतिविधियों के बारे में और जानकारी हासिल की जा सके।

नकदी, हथियार और बुलेटप्रूफ SUV बरामद

छापेमारी के दौरान पुलिस ने भारी मात्रा में आपराधिक गतिविधियों से जुड़ा सामान बरामद किया। बरामद सामान में 49.60 लाख रुपये नकद, 1.36 किलो सोना, 14.60 किलो चांदी, एक बुलेटप्रूफ महिंद्रा स्कॉर्पियो SUV, एक मोटरसाइकिल, 26 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, 7 पिस्तौल और रिवॉल्वर, एक बट्टनदार चाकू, एक मैगजीन, 40 जिंदा कारतूस, तीन बोर ब्रश और दो क्लीनिंग रॉड शामिल हैं।

पुलिस ने सभी बरामद मोबाइल फोन और लैपटॉप को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है, ताकि इनके जरिए गैंग्स के आपराधिक नेटवर्क, उनके संपर्कों और वित्तीय लेन-देन की जानकारी हासिल की जा सके। बुलेटप्रूफ SUV की बरामदगी ने पुलिस को चौंकाया, क्योंकि यह गैंग्स की बढ़ती ताकत और उनके पास उपलब्ध संसाधनों को दर्शाता है।

गैंग्स का आतंक और पुलिस की जवाबी कार्रवाई

दिल्ली-NCR में काला जठेड़ी, गोगी, नीरज बवाना जैसे गैंग्स लंबे समय से आतंक का पर्याय बने हुए हैं। ये गैंग्स न केवल हत्या और उगाही जैसे अपराधों में शामिल हैं, बल्कि हथियारों की तस्करी और ड्रग्स के कारोबार में भी सक्रिय हैं। इनके आपराधिक नेटवर्क ने दिल्ली-NCR के कई इलाकों में डर का माहौल पैदा कर रखा था। पुलिस का यह ऑपरेशन इन गैंग्स को कमजोर करने और आम लोगों में सुरक्षा की भावना बहाल करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

पुलिस ने बताया, “यह ऑपरेशन हमारी जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है। हमारा लक्ष्य दिल्ली-NCR को अपराध मुक्त बनाना है। इस तरह की कार्रवाइयां भविष्य में भी जारी रहेंगी।” सूत्रों के मुताबिक, पुलिस अब बरामद सामान और हिरासत में लिए गए संदिग्धों से मिली जानकारी के आधार पर गैंग्स के अन्य ठिकानों और उनके सरगनाओं तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।

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