दिल्ली में पुलिस की लापरवाही ने ली चायवाले की जान, PCR वैन ने कुचला, 2 पुलिसकर्मी सस्पेंड

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के मंदिर मार्ग इलाके में गुरुवार सुबह एक दिल दहलाने वाली घटना ने स्थानीय लोगों को स्तब्ध कर दिया। दिल्ली पुलिस की एक पीसीआर वैन ने सड़क किनारे चाय का खोखा चलाने वाले 54 वर्षीय गंगाराम तिवारी को कुचल दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। प्रारंभिक जांच में पता चला कि वैन के चालक, कांस्टेबल खिमेश सिंह ने गलती से एक्सीलेटर दबा दिया, जिससे वैन अनियंत्रित होकर रैंप पर चढ़ गई और खोखे से टकरा गई। इस हादसे ने पुलिस की लापरवाही और अनुशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि वैन से शराब की बोतल बरामद हुई, जिसने मामले को और संगीन बना दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसे के समय वैन में दो पुलिसकर्मी मौजूद थे, जिनमें एक सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) और एक कांस्टेबल शामिल थे। दोनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस ने चालक खिमेश सिंह को गिरफ्तार कर लिया है और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है। दोनों पुलिसकर्मियों की मेडिकल जांच भी कराई जाएगी ताकि शराब के सेवन की पुष्टि हो सके।

नई दिल्ली के एडिशनल डीसीपी हुकमा राम ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, “यह एक दुखद हादसा है। हम कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई कर रहे हैं। मृतक के परिवार को हर संभव सहायता और मुआवजा दिया जाएगा। सीसीटीवी फुटेज की जांच सहित मामले की गहन जांच की जा रही है।” पुलिस ने मौके पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाने शुरू कर दिए हैं और हादसे के सटीक कारणों का पता लगाने के लिए सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल की जा रही है।

हादसे के बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा देखा गया। गंगाराम तिवारी की मौत ने उनके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। गंगाराम इलाके में कई वर्षों से चाय का खोखा चला रहे थे और अपनी मेहनत से परिवार का भरण-पोषण करते थे। स्थानीय निवासियों ने पुलिस पर लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना रवैये का आरोप लगाया। कुछ लोगों ने बताया कि हादसे के बाद पुलिसकर्मी मौके से भागने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन भीड़ ने उन्हें रोक लिया।

सूत्रों के अनुसार, हादसा सुबह करीब 5 बजे हुआ, जब पीसीआर वैन गश्त पर थी। चालक खिमेश सिंह ने वैन को नियंत्रित करने में गलती की, जिसके चलते यह हादसा हुआ। शराब की बोतल बरामद होने के आरोपों पर पुलिस ने अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन मेडिकल जांच के नतीजे इस मामले में अहम साबित हो सकते हैं।

दिल्ली पुलिस ने मृतक के परिवार को मुआवजा देने का वादा किया है, लेकिन यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह मुआवजा गंगाराम के परिवार का दर्द कम कर पाएगा? इस घटना ने एक बार फिर दिल्ली पुलिस की कार्यशैली और जवाबदेही पर सवाल उठाए हैं।

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