जेबकतरों से फोन खरीदकर गफ्फार मार्केट में अनलॉक करवाकर भेजे जाते थे नेपाल, पुलिस ने किया अंतरराष्ट्रीय रैकेट ध्वस्त, 224 फोन बरामद

नई दिल्ली:: दिल्ली की सड़कों पर मोबाइल चोरी और स्नैचिंग की बढ़ती घटनाओं ने आम लोगों को परेशान कर रखा था। इन वारदातों के पीछे एक सुनियोजित अंतरराष्ट्रीय रैकेट काम कर रहा था, जिसका दिल्ली पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। उत्तरी जिला पुलिस की स्पेशल स्टाफ टीम ने एक बड़े ऑपरेशन में इस रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया और 224 चोरी के मोबाइल फोन के साथ-साथ एक लैपटॉप बरामद किया। यह गिरोह दिल्ली में चोरों और जेबकतरों से सस्ते दामों में चोरी के फोन खरीदता था, फिर इन्हें आजाद मार्केट और गफ्फार मार्केट की दुकानों में अनलॉक करवाकर बिहार के मुंगेर के रास्ते नेपाल में ऊंचे दामों पर बेचता था। हाल ही में नेपाल में जेन-जेड आंदोलन के कारण वहां की सरकार के पतन और अस्थिरता ने इस खेप को रोक दिया, जिसका फायदा उठाकर दिल्ली पुलिस ने इस गिरोह को धर दबोचा।

उत्तरी जिला पुलिस को वरिष्ठ अधिकारियों से सख्त निर्देश मिले थे कि चोरी और स्नैचिंग के जरिए हासिल मोबाइल फोन के खरीदारों और तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और बरामद फोन उनके असली मालिकों तक पहुंचाए जाएं। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए इंस्पेक्टर रोहित सरस्वत की अगुआई में एक समर्पित टीम गठित की गई। इस टीम में एसआई मनोज, एसआई प्रवीन, एएसआई यतेंद्र, एचसी परवीन, एचसी गुरविंदर, एचसी बलकिशन, एचसी संदीप, कांस्टेबल सचिन, कांस्टेबल रवि, कांस्टेबल नितिन और डीएचजी नरेश शामिल थे। पूरी कार्रवाई की निगरानी एसीपी (ऑपरेशन सेल, उत्तरी जिला) हेमंत कुमार मिश्रा कर रहे थे।

टीम ने अपने गुप्त सूत्रों को सक्रिय किया और स्थानीय खुफिया जानकारी जुटाने में जुट गई। कांस्टेबल सचिन को एक महत्वपूर्ण सूचना मिली कि डीआरपी लाइन, पुल मिठाई रेलवे ट्रैक के पास कुछ लोग चोरों और जेबकतरों से चोरी के मोबाइल फोन खरीदकर उन्हें नेपाल भेज रहे हैं। इस सूचना को और पुख्ता करने के लिए पुलिस ने अपने सूत्रों के नेटवर्क को और मजबूत किया। कई दिनों की मेहनत के बाद 12 सितंबर को एक ठोस जानकारी मिली कि दो लोग, बृंदावन और मुकेश, आनंद विहार रेलवे स्टेशन से मुंगेर के लिए ट्रेन पकड़ने वाले हैं और उनके पास चोरी के मोबाइल फोन की बड़ी खेप है।

आनंद विहार में बिछा जाल, दो पकड़े गए

पुलिस ने बिना देर किए आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर जाल बिछाया। जैसे ही बृंदावन और मुकेश ट्रेन पकड़ने पहुंचे, पुलिस ने उन्हें घेर लिया और उनकी तलाशी ली। तलाशी में उनके पास से 98 चोरी के मोबाइल फोन बरामद हुए, जो वे मुंगेर के रास्ते नेपाल ले जा रहे थे। पुलिस ने इन फोन के IMEI नंबरों की जांच की तो पता चला कि ये दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में दर्ज चोरी और स्नैचिंग के मामलों से जुड़े हैं। पीड़ितों से संपर्क करने पर कई ने बताया कि उनके फोन चोरी होने के बाद उनके यूपीआई खातों से अनधिकृत लेनदेन भी किए गए, जिसने इस रैकेट की गंभीरता को और उजागर किया।

आरोपियों का खुलासा: नेपाल तक का कनेक्शन

पुलिस पूछताछ में बृंदावन और मुकेश ने रैकेट का पूरा खेल खोल दिया। उन्होंने बताया कि वे दिल्ली के डीआरपी लाइन इलाके में चोरों और जेबकतरों से 500 से 2000 रुपये की कीमत में चोरी के फोन खरीदते थे। इन फोन को वे आजाद मार्केट और गफ्फार मार्केट की मोबाइल रिपेयर दुकानों में ले जाकर अनलॉक करवाते थे। अनलॉक किए गए फोन को वे मुंगेर के रास्ते नेपाल भेजते थे, जहां इन्हें 5,000 से 15,000 रुपये तक में बेचा जाता था। उन्होंने खुलासा किया कि नेपाल में हाल ही में जेन-जेड आंदोलन के कारण वहां की सरकार के पतन और अस्थिरता की वजह से पिछले 10 दिनों से स्थिति अनिश्चित थी। इस कारण वे एक हफ्ते से फोन दिल्ली में ही रोककर रखे थे। 12 सितंबर को जब वे मुंगेर के लिए रवाना हुए, तो पुलिस की सतर्कता ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।

 रैकेट का नेटवर्क उजागर

बृंदावन और मुकेश की निशानदेही पर पुलिस ने अगला कदम उठाया और आजाद मार्केट से विक्की कुमार को गिरफ्तार किया। विक्की अपनी मोबाइल रिपेयर की दुकान में चोरी के फोन अनलॉक करता था। उसके पास से 38 चोरी के फोन बरामद हुए। पूछताछ में विक्की ने बताया कि कुछ फोन जिन्हें वह अनलॉक नहीं कर पाता था, उन्हें वह गफ्फार मार्केट में विकास पांडे को देता था। पुलिस ने तुरंत विकास को गफ्फार मार्केट से गिरफ्तार किया, जहां से 66 और चोरी के फोन बरामद हुए। विकास भी अपनी दुकान पर चोरी के फोन अनलॉक करता था और इसके लिए विशेष सॉफ्टवेयर और टूल्स का इस्तेमाल करता था। इसके बाद, पुलिस ने डीआरपी लाइन से विक्की बिंद को पकड़ा, जिसके पास से 22 चोरी के फोन मिले। विक्की बिंद इस रैकेट में चोरी के फोन का रिसीवर था।

यूपीआई ठगी का चौंकाने वाला पहलू

बरामद फोन के IMEI नंबरों की जांच से पुलिस को कई अहम सुराग मिले। ये फोन दिल्ली के वजीराबाद, सराय रोहिल्ला, तिमारपुर, सिविल लाइंस, बुरारी और क्राइम ब्रांच जैसे थानों में दर्ज चोरी और स्नैचिंग के मामलों से जुड़े थे। पीड़ितों से संपर्क करने पर पता चला कि उनके फोन चोरी होने के बाद उनके यूपीआई खातों से हजारों रुपये निकाले गए। कुछ मामलों में तो चोरों ने फोन अनलॉक करने के बाद पीड़ितों के बैंक खातों से सीधे पैसे ट्रांसफर किए। यह खुलासा इस रैकेट की गंभीरता को और उजागर करता है, क्योंकि यह सिर्फ मोबाइल चोरी तक सीमित नहीं था, बल्कि इसके जरिए संगठित वित्तीय अपराध भी किए जा रहे थे।

उत्तरी जिला के डीसीपी रजा बंठिया ने बताया कि बृंदावन (23) बिहार के मुंगेर जिले के हवेली खड़गपुर का रहने वाला है। जो इस रैकेट का मुख्य सरगना था, जो चोरी के फोन खरीदकर नेपाल तक तस्करी करता था। मुकेश कुमार (21) मुंगेर का ही रहने वाला है, बृंदावन का करीबी सहयोगी था और तस्करी में उसका साथ देता था। विक्की बिंद (20) दिल्ली की डीआरपी लाइन और मुंगेर का रहने वाला है , चोरी के फोन का रिसीवर था और रैकेट का अहम कड़ी था। विक्की कुमार (25) बिहार के सीतामढ़ी का रहने वाला है , आजाद मार्केट में मोबाइल रिपेयर की दुकान चलाता था और चोरी के फोन अनलॉक करने में माहिर था। विकास पांडे (24) दिल्ली के न्यू अशोक नगर का रहने वाला है , और गफ्फार मार्केट में मोबाइल रिपेयर की दुकान चलाता था और चोरी के फोन अनलॉक करने के लिए विशेष सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करता था।

पुलिस ने इस ऑपरेशन में कुल 224 मोबाइल फोन और एक लैपटॉप बरामद किया, जिसका इस्तेमाल विकास पांडे फोन अनलॉक करने के लिए करता था। बरामद फोन में से 14 को दिल्ली के विभिन्न थानों में दर्ज चोरी और स्नैचिंग के मामलों से जोड़ा गया है। इनमें वजीराबाद, सराय रोहिल्ला, तिमारपुर, सिविल लाइंस, बुरारी और क्राइम ब्रांच थानों में दर्ज 14 FIRs शामिल हैं। बाकी फोन की जांच अभी जारी है ताकि उनके मालिकों का पता लगाया जा सके। पुलिस ने इन फोन को उनके असली मालिकों तक पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

पुलिस अब आरोपियों के मोबाइल फोन और व्हाट्सएप चैट की गहन जांच कर रही है ताकि इस रैकेट के अन्य सदस्यों और उनके नेटवर्क का पता लगाया जा सके। साथ ही, पुलिस यह भी जांच रही है कि क्या इस रैकेट का कोई और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन है। उत्तरी जिला के पुलिस उपायुक्त रजा बंठिया ने बताया कि यह ऑपरेशन दिल्ली में मोबाइल चोरी और स्नैचिंग की घटनाओं पर अंकुश लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य न केवल इस रैकेट के सभी सदस्यों को पकड़ना है, बल्कि पीड़ितों को उनका सामान वापस दिलाना भी है। जांच में और खुलासे होने की संभावना है।”

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