ड्राइवर ने रची थी नकली लूट की साजिश, 55 लाख का तांबा बरामद

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (एनआर-1) ने एक सनसनीखेज हाईवे डकैती और नशे की सुई के जरिए लूट की वारदात को मात्र 48 घंटे में सुलझा लिया। इस मामले में करीब 55 लाख रुपये कर 6000 किलो तांबे का स्क्रैप बरामद किया गया। चौंकाने वाली बात यह है कि इस पूरी साजिश का मास्टरमाइंड ट्रक ड्राइवर मनीष कुमार ही निकला, जिसने खुद को पीड़ित बताकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की।

क्राइम ब्रांच के डीसीपी हर्ष इंदौरा ने बताया कि 10 सितंबर को न्यू उस्मानपुर थाने में मनीष कुमार ने शिकायत की थी कि वह 6000 किलो तांबे के स्क्रैप को लिबासपुर से मडोली ले जा रहा था। 9 सितंबर को सुबह 11 बजे, सिग्नेचर ब्रिज पार करने के बाद रिंग रोड पर एक स्विफ्ट कार ने उसका ट्रक रुकवाया। कार सवारों ने खुद को बैंक अधिकारी बताया और कथित तौर पर किश्त बकाया होने का हवाला देकर ट्रक रोकने को कहा। इसके बाद दो लोग जबरन ट्रक में घुसे और एक ने मनीष के हाथ में नशे की सुई लगाकर उसे बेहोश कर दिया। जब मनीष को होश आया, वह जग प्रवेश अस्पताल में था और तांबा गायब था।

क्राइम ब्रांच के सिपाही विक्रांत और परवीन की गुप्त सूचना मिली, जिसके आधार पर निरीक्षक पुखराज सिंह की अगुवाई में एक विशेष टीम गठित की गई। इस टीम में डब्ल्यू/एसआई खुशबू, एसआई निरंजन, एएसआई पवन, एएसआई प्रदीप, सिपाही विक्रांत, हरजीत, सचिन, नरेंद्र, परवीन और मुकेश शामिल थे। एसीपी अशोक शर्मा और डीसीपी हर्ष इंदौरा के मार्गदर्शन में टीम ने 200 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज और कई संदिग्धों के कॉल रिकॉर्ड खंगाले।

डीसीपी ने बताया कि जांच के दौरान मनीष की बातों में विरोधाभास सामने आया। कड़ाई से पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर यह पूरी साजिश रची थी। इसके बाद मनीष कुमार, आदित्य, अरुण सोनी और रमजान को गिरफ्तार कर लिया गया। मामले में आगे की कार्यवाही की जा रही हैं।

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