यमुना के किनारे अवैध हथियारों की फैक्ट्री का भंडाफोड़, बाढ़ में 8 फीट पानी पार कर पुलिस ने तोड़ा हथियारों का गढ़

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने अवैध हथियारों के खिलाफ अपनी ताबड़तोड़ कार्रवाई को जारी रखते हुए उत्तर प्रदेश के मथुरा में यमुना नदी के किनारे चल रही एक गुप्त हथियार फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। यह 10 दिनों में दिल्ली पुलिस की दूसरी बड़ी सफलता है। सराय रोहिल्ला थाना पुलिस की विशेष टीम ने विपरीत परिस्थितियों में साहस दिखाते हुए 3 किलोमीटर बाढ़ग्रस्त इलाके को पार कर इस फैक्ट्री तक पहुंच बनाई। इस ऑपरेशन में 60 वर्षीय आरोपी शिव चरण को गिरफ्तार किया गया, जो इस अवैध कारोबार का मास्टरमाइंड था। पुलिस ने मौके से 14 देसी पिस्तौल, एक मस्कट बंदूक, 350 से ज्यादा हथियार बनाने की कच्ची सामग्री और भारी मात्रा में मशीनरी बरामद की है।

उत्तरी जिला के डीसीपी राजा बंठिया ने बताया कि इससे पहले 1 सितंबर को सराय रोहिल्ला थाना पुलिस ने अलीगढ़ के जट्टारी पिशावा रोड पर एक अवैध हथियार फैक्ट्री का पर्दाफाश किया था। उस ऑपरेशन में हनवीर उर्फ हन्नू उर्फ पप्पू उर्फ घुर्रा को गिरफ्तार किया गया था, जिसके पास से भारी मात्रा में हथियार और कच्चा माल बरामद हुआ था। उसकी पूछताछ में मथुरा में चल रही एक और फैक्ट्री का खुलासा हुआ, जिसे शिव चरण चला रहा था। इस जानकारी के आधार पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की।

थाना प्रभारी, सराय रोहिल्ला इंस्पेक्टर विकास राणा के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। इस टीम में सब-इंस्पेक्टर कुलदीप, हेड कांस्टेबल अनुज, दीपक त्यागी, संदीप कुमार, संजीव, रामबाबू, अमित और कांस्टेबल रिंकू शामिल थे। एसीपी अनिल शर्मा की निगरानी में टीम ने सीडीआर विश्लेषण, स्थानीय खुफिया जानकारी और तकनीकी संसाधनों का उपयोग कर मथुरा के गांव अनार्दा गढ़ी में शिव चरण की लोकेशन का पता लगाया।

 बाढ़ में 8 फीट पानी पार किया

11 सितंबर को पुलिस टीम मथुरा के अनार्दा गढ़ी पहुंची, जहां शिव चरण को गिरफ्तार किया गया। उसकी निशानदेही पर पुलिस को यमुना नदी के किनारे उसकी फैक्ट्री का पता चला, जो बाढ़ग्रस्त इलाके में थी। फैक्ट्री तक पहुंचने के लिए पुलिस को 3 किलोमीटर लंबा पानी से भरा रास्ता पार करना पड़ा। शुरुआत में पानी की गहराई 3-4 फीट थी, लेकिन आगे बढ़ने पर यह 5-8 फीट तक पहुंच गई। पूर्ण अंधेरे में, बिना भोजन, बिना प्रकाश और मोबाइल नेटवर्क के बावजूद पुलिस ने हिम्मत नहीं हारी। दो घंटे की कठिन मशक्कत के बाद टीम फैक्ट्री तक पहुंची।

छापे में मिला हथियारों का जखीरा

फैक्ट्री का ताला तोड़ने पर पुलिस को वहां अवैध हथियारों का भंडार मिला। 14 देसी पिस्तौल (9 सिंगल बैरल, 5 डबल बैरल), एक मस्कट बंदूक, 50 बैरल, 28 छोटी बैरल पाइप, लकड़ी के हैंडल और 350 से ज्यादा पिस्तौल बनाने की कच्ची सामग्री बरामद हुई। इसके अलावा, एक ग्राइंडर, एक प्लायर, तीन ड्रिल मशीन, एक कटर मशीन और एक आरी जैसी मशीनरी भी जब्त की गई।

वापसी के दौरान शिव चरण ने बाढ़ग्रस्त इलाके का फायदा उठाकर भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की सतर्कता के आगे उसकी एक न चली। टीम ने पानी में ही उसे घेर लिया और सारा सामान सुरक्षित दिल्ली लाया।

डीसीपी ने बताया कि शिव चरण ने पूछताछ में बताया कि पहले वह हनवीर के साथ मिलकर इस फैक्ट्री को चलाता था। हनवीर के अलीगढ़ में नई फैक्ट्री शुरू करने के बाद शिव चरण ने मथुरा की फैक्ट्री अकेले संभाली। हथियारों की बिक्री हनवीर के जरिए होती थी, और मुनाफे में दोनों बराबर-बराबर हिस्सा लेते थे। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि शिव चरण ने फैक्ट्री के आसपास दो कुत्ते रखे थे, ताकि कोई संदिग्ध व्यक्ति वहां न पहुंच सके। हथियारों की यह सप्लाई दिल्ली और आसपास के इलाकों में हो रही थी, जिसका उपयोग अपराधी गिरोहों द्वारा किया जा रहा था। मामले की गहन जांच जारी है, और अन्य संदिग्धों की तलाश की जा रही है।

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