दिल्ली में चार अवैध बांग्लादेशी प्रवासी हिरासत में, डिपोर्टेशन की प्रक्रिया शुरू

नई दिल्ली: दिल्ली के दक्षिण-पश्चिम जिले की ऑपरेशंस सेल की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए चार अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को हिरासत में लिया है। इनमें एक पुरुष और तीन महिलाएं शामिल हैं, जो 2017 से भारत में अवैध रूप से रह रहे थे। हिरासत में लिए गए लोगों की पहचान फरजाना अख्तर, नाजमा बेगम, रेसमा अख्तर और ओरको खान के रूप में हुई है, जो सभी बांग्लादेश के अलग-अलग इलाकों के निवासी हैं। पुलिस ने इनके पास से बांग्लादेशी पहचान पत्र बरामद किए हैं और दिल्ली के विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय के सहयोग से डिपोर्टेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

दक्षिण-पश्चिम जिला के डीसीओ अमित गोयल ने बताया कि जिले में अवैध प्रवासियों और अपराध पर नकेल कसने के लिए ऑपरेशंस सेल की एक विशेष टीम गठित की गई थी। इस टीम का नेतृत्व प्रभारी, एंटी नारकोटिक्स सेल इंस्पेक्टर गजेंद्र सिंह कर रहे थे, जबकि एसीपी ऑपरेशंस विजयपाल तोमर की निगरानी में ऑपरेशन चलाया गया। टीम में सब-इंस्पेक्टर अनिल, हेड कांस्टेबल सुंदर, दीपक, संदीप, कांस्टेबल राजेश, मोहित, महिला कांस्टेबल सोमाता, पीसी और मनीषा शामिल थे।

हेड कांस्टेबल सुंदर सिंह को गुप्त सूचना मिली कि कपासहेड़ा इलाके में कुछ अवैध बांग्लादेशी महिलाएं घूम रही हैं। सूचना के आधार पर तुरंत कार्रवाई करते हुए टीम ने संदिग्धों से संपर्क किया और उनके पहचान दस्तावेज मांगे। पूछताछ में चारों ने स्वीकार किया कि वे 2017 में बांग्लादेश से बंगांव सीमा और त्रिपुरा के रास्ते भारत में अवैध रूप से घुसे थे। कुछ ने भारतीय वीजा पर प्रवेश किया था, लेकिन वापस नहीं लौटे।

मुंबई और दिल्ली में नौकरी की तलाश

हिरासत में लिए गए प्रवासियों ने बताया कि वे मुंबई और दिल्ली में हाउसकीपिंग की नौकरी की तलाश में आए थे, लेकिन उपयुक्त रोजगार न मिलने के कारण वे दिल्ली के कपासहेड़ा इलाके में बस गए। घटना के दिन वे काम की तलाश में निकले थे। पुलिस ने उनके मोबाइल फोन और सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच की, जिसके बाद उनके परिवार वालों से संपर्क कर बांग्लादेशी राष्ट्रीय पहचान पत्र प्राप्त किए गए।

डीसीपी ने बताया कि फरजाना अख्तर (दक्षिणपारा, गाजीर्चर, आशुलिया, ढाका), नाजमा बेगम (कुदालीबा, कोतवाली, जेसोर), रेसमा अख्तर (पलपारा, शिब्बारी, सोनाडांगा मॉडल, खुलना) और ओरको खान (कुदालीबा, कोतवाली, जेसोर) की पहचान की पुष्टि के बाद उनके भारतीय पहचान दस्तावेज रद्द किए गए। सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद एफआरआरओ, दिल्ली के माध्यम से डिपोर्टेशन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

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