शाहदरा साइबर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 24 लाख की ऑनलाइन ठगी में मास्टरमाइंड गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली के शाहदरा जिला साइबर पुलिस ने एक बड़े ऑनलाइन निवेश घोटाले में मास्टरमाइंड सत्यम कुलश्रेष्ठ उर्फ सैम को गिरफ्तार कर सनसनीखेज मामले का पर्दाफाश किया है। यह शातिर ठग पूरे देश में म्यूल बैंक खातों की सप्लाई कर ऑनलाइन स्कैमर्स को ठगी में मदद करता था। पुलिस ने उसके कब्जे से दो मोबाइल फोन और आपत्तिजनक व्हाट्सएप व टेलीग्राम चैट बरामद की हैं, जो उसके 50 से अधिक एजेंट्स के साथ नेटवर्क को उजागर करती हैं।

शाहदरा जिले के डीसीपी प्रशांत गौतम ने बताया कि बीती 9 अप्रैल को शाहदरा साइबर थाने में गोयल की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें उन्होंने बताया कि नवंबर 2024 में एक दोस्ती वेबसाइट के जरिए उनकी मुलाकात नेहा शर्मा नाम की महिला से हुई, जिसने खुद को गुरुग्राम की निवासी बताया। नेहा ने उन्हें व्हाट्सएप और टेलीग्राम के जरिए स्प्रेडेक्स ग्लोबल लिमिटेड नामक फर्जी निवेश मंच पर पैसा लगाने के लिए लालच दिया। 15 जनवरी को गोयल ने 8 लाख रुपये का निवेश किया। मंच ने 10 दिनों में 1 लाख रुपये का कृत्रिम मुनाफा दिखाया, जिसके बाद नेहा ने और निवेश के लिए उकसाया। इसके बाद गोयल ने 10 लाख, 5 लाख और 1.5 लाख रुपये का अतिरिक्त निवेश किया, जिसका कुल योग 24,49,304 रुपये हुआ। जब उन्होंने पैसे निकालने की कोशिश की, तो मंच ने 7.5 लाख रुपये की प्रोसेसिंग फीस मांगी। नेहा ने इसके बाद संपर्क तोड़ लिया और उसका व्हाट्सएप नंबर निष्क्रिय हो गया।

मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर थाना शाहदरा ने इंस्पेक्टर अमित धानी के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की, जिसमें एएसआई अनिरुद्ध, हेड कांस्टेबल बिकास, संदीप, धर्मेंद्र और महिला हेड कांस्टेबल मनीषा शामिल थे। इंस्पेक्टर विजय कुमार, थाना प्रभारी, और एसीपी ऑपरेशन शाहदरा की निगरानी में इस टीम ने तकनीकी निगरानी और विभिन्न बैंकों, व्हाट्सएप व अन्य सोशल मीडिया मंचों से जानकारी जुटाई। जांच में पता चला कि 24 लाख रुपये की रकम कई म्यूल खातों में स्थानांतरित की गई थी। एक खाताधारक ने खुलासा किया कि उसने अपने खाते का विवरण, एटीएम कार्ड, चेकबुक और सिम कार्ड सैम नाम के व्यक्ति को सौंपा था, जो टेलीग्राम और व्हाट्सएप के जरिए उसके संपर्क में था। तकनीकी निगरानी के बाद 29 अगस्त 2025 को सैम को गुरुग्राम के सेक्टर-11 से हिरासत में लिया गया और पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया।

डीसीपी ने बताया कि सत्यम कुलश्रेष्ठ उर्फ सैम, आगरा के आवास कॉलोनी का निवासी है। उसने आगरा विश्वविद्यालय से बीएससी की पढ़ाई पूरी की। उसके पिता एक सिक्योरिटी गार्ड और मां गृहिणी हैं। पढ़ाई छोड़ने के बाद सत्यम ने कई छोटी-मोटी नौकरियां कीं और बाद में टिफिन सर्विस शुरू की, जो घाटे में चली गई। इसके बाद वह म्यूल खाता आपूर्ति के धंधे में शामिल हो गया।

टिफिन सर्विस में नुकसान होने के बाद सत्यम अपने स्कूल के दोस्त कुणाल के संपर्क में आया, जिसने उसे ऑनलाइन स्कैमर्स के लिए म्यूल खाते जुटाने का आइडिया दिया। सत्यम ने ‘सैम’ के फर्जी नाम से टेलीग्राम और व्हाट्सएप पर आईडी बनाई और एक चीनी ऑनलाइन गेमिंग कंपनी का प्रतिनिधि बनकर लोगों को 3.5% गेमिंग और 4.5% स्टॉक ट्रांजेक्शन पर कमीशन का लालच दिया। उसने कई लोगों से बैंक खातों का विवरण और दस्तावेज जुटाए और इन्हें अपने सहयोगियों को सौंप दिया, जो इन खातों का इस्तेमाल ऑनलाइन ठगी के लिए करते थे।

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