यमुना में उफान, दिल्ली में बाढ़ की आशंका: कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप

नई दिल्ली: दिल्ली एक बार फिर यमुना नदी में बढ़ते जलस्तर के कारण बाढ़ के खतरे की चपेट में है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने हरियाणा की भाजपा सरकार पर हथिनी कुंड बैराज से लाखों क्यूसेक पानी अचानक छोड़ने का आरोप लगाया है, जिससे दिल्ली में बाढ़ की स्थिति बन रही है। उन्होंने दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार पर भी इस संकट से निपटने के लिए कोई ठोस इंतजाम न करने का आरोप लगाया।

देवेंद्र यादव ने बताया कि 31 अगस्त को यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 204.50 मीटर को पार कर 205.33 मीटर तक पहुंच गया। हरियाणा सरकार ने हथिनी कुंड बैराज से 31 अगस्त की रात 2 बजे 1.65 लाख क्यूसेक, सुबह 4 बजे 1.65 लाख क्यूसेक, सुबह 6 बजे 1.95 लाख क्यूसेक और सुबह 7 बजे 2.72 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा। यह पानी अगले 24 घंटों में दिल्ली पहुंचने वाला है, जिससे बाढ़ का खतरा और गहरा गया है।

यादव ने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार ने पानी छोड़ने से पहले दिल्ली सरकार से कोई समन्वय नहीं किया। साथ ही, दिल्ली सरकार ने भी इस मुद्दे पर हरियाणा से कोई बातचीत नहीं की, जबकि यमुना का जलस्तर पहले से ही खतरे के निशान से ऊपर था। मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार, अगले दो दिनों में भारी बारिश की संभावना है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि दिल्ली सरकार ने यमुना के आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ राहत के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए। उन्होंने 2023 की बाढ़ का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय भी तत्कालीन आप सरकार की लापरवाही से यमुना किनारे बसे लोगों को भारी नुकसान हुआ था। यादव ने दावा किया कि हाल ही में यमुना बाजार में पानी घुसने के बाद भी मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने केवल फोटो खिंचवाए, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए।

कांग्रेस ने दिल्ली सरकार से मांग की है कि तत्काल बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नाव, पंप, राहत सामग्री और स्वास्थ्य शिविरों की व्यवस्था की जाए। यादव ने चेतावनी दी कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो दिल्ली को भारी तबाही का सामना करना पड़ सकता है।

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