दिल्ली में व्यापारियों को जीएसटी रिफंड का इंतजार: कांग्रेस का तंज, ‘1600 करोड़ के जीएसटी रिफंड की घोषणा सिर्फ हवाई वादा?’

नई दिल्ली: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा दीपावली से पहले व्यापारियों को 1600 करोड़ रुपये के जीएसटी रिफंड देने की घोषणा पर सवाल उठाए हैं। यादव ने इसे भाजपा सरकार की अन्य घोषणाओं की तरह ‘हवाई वादा’ करार देते हुए कहा कि पिछले सात महीनों में सरकार ने केवल घोषणाएं की हैं, जमीनी स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।

यादव ने मांग की कि 2019 से लंबित जीएसटी रिफंड को ब्याज सहित जल्द से जल्द व्यापारियों को लौटाया जाए। उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या व्यापारियों के लिए लाइसेंस प्रक्रिया को सरल बनाने, प्रशासनिक अड़चनों को दूर करने और आर्थिक अनिश्चितता से निपटने की कोई योजना है।

कांग्रेस नेता ने रोजमर्रा की वस्तुओं पर लगने वाले जीएसटी को खत्म करने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि आटा, चीनी, चाय पर 5%, पैक्ड मक्खन और दही पर 12%, पेन, साबुन, टूथपेस्ट पर 18%, और रजिस्टर, नोटबुक, पेंसिल शार्पनर पर 6-9% जीएसटी से आम जनता पर बोझ पड़ रहा है। इन वस्तुओं को जीएसटी मुक्त करने से महंगाई और बेरोजगारी की मार झेल रही जनता को राहत मिलेगी।

यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यह वही पार्टी है, जिसने कांग्रेस की यूपीए सरकार द्वारा जीएसटी लागू करने का विरोध किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद रोजमर्रा की वस्तुओं पर जीएसटी बढ़ाकर गरीब और मध्यम वर्ग को परेशान किया। उन्होंने जीएसटी वसूली में सुधार और रिफंड से जुड़े मुद्दों पर तुरंत कार्रवाई की मांग की।

यादव ने आम आदमी पार्टी और भाजपा की नीतियों की तुलना करते हुए कहा कि दोनों ने व्यापारियों के हितों को नजरअंदाज किया है। जीएसटी के गलत तरीके और समय पर रिफंड न मिलने से व्यापारी परेशान हैं।

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