दिल्ली के स्वरूप नगर में सेक्स रैकेट का भंडाफोड़, नाबालिग सहित पांच महिलाओं को रैकेट से मुक्त कराया

नई दिल्ली: दिल्ली के स्वरूप नगर इलाके में पुलिस ने एक बड़े सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया है। गैर-सरकारी संगठन ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ की सूचना पर स्वरूप नगर पुलिस ने 27 अगस्त को गली नंबर 3 में छापेमारी की। इस कार्रवाई में सेक्स सेवा के लिए मजबूर की जा रही एक नाबालिग सहित पांच महिलाओं को मुक्त कराया गया।

बाहरी उत्तरी जिला के डीसीपी हारेश्वर स्वामी के नेतृत्व में गठित छापेमारी टीम में स्वरूप नगर के थाना प्रभारी, महिला पुलिस अधिकारी और एनजीओ के कर्मचारी शामिल थे। एनजीओ के कर्मचारी शिवम को नकली ग्राहक के रूप में भेजा गया, जिसने ब्रोकर के क्यूआर कोड पर 1,000 रुपये का भुगतान किया। शिवम के इशारे पर पुलिस ने छापा मारा और मौके से पांच महिलाओं और पांच पुरुषों को हिरासत में लिया।

मुक्त कराई गई महिलाओं में 15 वर्षीय नाबालिग और 25 से 52 वर्ष की चार अन्य महिलाएं शामिल हैं। हिरासत में लिए गए पुरुषों में देवेश यादव, अर्जुन कुमार, साजिद, अखिलेश और रजनीश शामिल हैं। पुलिस पूछताछ में पता चला कि भारती, देवेश यादव और अर्जुन कुमार इस रैकेट को संचालित कर रहे थे, जबकि साजिद, अखिलेश और रजनीश ग्राहक के रूप में मौके पर थे।

पुलिस ने मौके से 35 कंडोम पैकेट और एक डायरी बरामद की, जिसमें क्यूआर कोड था, जिसके जरिए डिकॉय ग्राहक ने भुगतान किया था। मेडिकल जांच में एक पीड़िता का यूपीटी टेस्ट पॉजिटिव पाया गया। नाबालिग पीड़िता को काउंसलिंग के लिए दिल्ली के बख्तावरपुर स्थित केजीएमटी भेजा गया है, और उसका बयान दर्ज किया जा रहा है।

इस मामले में स्वरूप नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई, जिसमें अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम की धारा 3, 4 और 5 के तहत कार्रवाई शुरू की गई। प्रारंभिक जांच के बाद पॉक्सो एक्ट की धारा 11 और 17, भारतीय न्याय संहिता की धारा 96 और आईटीपी एक्ट की धारा 7 को जोड़ा गया है।

पुलिस ने रैकेट चलाने वाली भारती, अर्जुन और अन्य ग्राहकों को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ शुरू कर दी है। मामले की जांच जारी है, और पुलिस इस रैकेट के अन्य स्रोतों और संलिप्त लोगों का पता लगाने में जुटी है।

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