ओखला डिपो में डीटीसी कर्मचारियों की हड़ताल: निजी कंपनी में ट्रांसफर से नाराज डीटीसी चालक, दक्षिण दिल्ली में बसें गायब

नई दिल्ली: दिल्ली परिवहन निगम के ओखला डिपो में चालकों और कंडक्टरों ने 101 कर्मचारियों को निजी कंपनी में स्थानांतरित करने के फैसले के विरोध में हड़ताल शुरू कर दी है। इस हड़ताल ने दक्षिणी दिल्ली के कई प्रमुख मार्गों पर बस सेवाओं को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे हजारों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

मंगलवार सुबह ओखला डिपो के करीब 200 चालकों और कंडक्टरों ने ड्यूटी का बहिष्कार किया। डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के अध्यक्ष ललित चौधरी और महामंत्री मनोज शर्मा ने बताया कि 101 अनुबंधित कर्मचारियों को बिना किसी पूर्व सूचना के निजी कंपनी में भेजने का निर्णय लिया गया है। इनमें से कई कर्मचारी पिछले 10 से 25 वर्षों से डीटीसी में सेवा दे रहे हैं। चौधरी ने कहा, “यह फैसला कर्मचारियों के साथ विश्वासघात है।

कर्मचारियों का आरोप है कि यह निर्णय केवल इसलिए लिया गया क्योंकि निजी कंपनी को ड्राइवरों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। यूनियन ने इसे डीटीसी और निजी कंपनी की साठगांठ करार दिया है। मनोज शर्मा ने कहा, “कर्मचारियों ने डीटीसी को अपनी जवानी समर्पित की, स्थायी नौकरी की उम्मीद में काम किया, लेकिन अब उनके भविष्य को निजी कंपनियों के हवाले कर दिया गया। यह अन्याय अस्वीकार्य है।” यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि फैसला वापस नहीं लिया गया तो हड़ताल को दिल्ली के अन्य डिपो तक विस्तारित किया जाएगा।

ओखला डिपो से संचालित बसें नेहरू प्लेस, लाजपत नगर, साकेत, और आसपास के क्षेत्रों को जोड़ती हैं। हड़ताल के कारण इन मार्गों पर बसों की उपलब्धता 50 प्रतिशत से भी कम हो गई है। यात्रियों ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। एक यात्री ने कहा, “रोजमर्रा की यात्रा अब एक चुनौती बन गई है। सरकार को जल्द समाधान निकालना चाहिए।”

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