सरकार व्यापारियों के लिए कारोबार सुगम बनाने को प्रतिबद्ध: केंद्रीय मंत्री मेघवाल

नई दिल्ली: केंद्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि केंद्र सरकार व्यापारियों और उद्यमियों के मुद्दों के समाधान के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। वे भारतीय उद्योग व्यापार मंडल (बीयूवीएम) के 44वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर केंद्रीय कॉरपोरेट कार्य व सड़क परिवहन राजमार्ग राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा, सांसद विजय बघेल, रमेश अवस्थी और साधना सिंह सहित देश के 28 राज्यों से बीयूवीएम के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

मेघवाल ने व्यापारियों को आश्वस्त किया कि उनकी चिंताओं को सरकार तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा, “मैं और मल्होत्रा आपके हितों की पैरवी करेंगे।” वहीं, मल्होत्रा ने व्यापारिक समुदाय की भारत को विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली पुरानी व्यवस्था से बेहतर है, लेकिन इसमें सुधार की गुंजाइश है। उन्होंने व्यापारियों के मुद्दों को वित्त मंत्रालय और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तक पहुंचाने का वादा किया।

बीयूवीएम के अध्यक्ष बाबू लाल गुप्ता ने जीएसटी दरों में एकरूपता की मांग उठाई। उन्होंने सुझाव दिया कि जीएसटी को तीन स्लैब्स (0%, 5%, और 18%) में समाहित किया जाए, जिससे कारोबार सुगम होगा और जीडीपी वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने सभी खाद्य उत्पादों को शून्य कर स्लैब में रखने, अनाज, दाल, तिलहन की सफाई मशीनों, एलईडी लैंप, सोलर वॉटर हीटर, हस्तशिल्प जैसे उत्पादों को 5% स्लैब में, और शेष को 18% स्लैब में शामिल करने की वकालत की। इसके अलावा, मंडी शुल्क में 0% से 4% तक की भिन्नता को समान करने की मांग की।

संगठन ने ई-कॉमर्स के लिए नियामक नियुक्त करने और टीडीएस-टीसीएस जैसे प्रावधानों को हटाने की मांग भी की, क्योंकि ये व्यापारियों पर अनुपालन का बोझ बढ़ाते हैं। बीयूवीएम के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष सतीश अग्रवाल ने राज्य सरकारों द्वारा दी जा रही मुफ्त सुविधाओं पर रोक लगाने की मांग की, जो करदाताओं पर अतिरिक्त बोझ डालती हैं।

1981 में स्थापित बीयूवीएम व्यापारियों की आवाज को सरकार तक पहुंचाने और नीतिगत सुधारों के लिए काम करने वाला प्रमुख संगठन है। संगठन ने व्यापार-अनुकूल वातावरण के लिए नीति निर्माताओं और हितधारकों के साथ सक्रिय संवाद पर जोर दिया।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More