राजनाथ सिंह जब बता रहे थे युद्धविराम का किस्सा, अचानक खड़े हुए राहुल गांधी और पूछा…

राष्ट्रीय जजमेंट

संसद में जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि मई में ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने कैसे युद्ध विराम पर सहमति जताई, तो विपक्ष के नेता राहुल गांधी अचानक उठ खड़े हुए और पूछा, “आपने रोका क्यों?” यह बातचीत पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को भारत की प्रतिक्रिया पर लोकसभा में विशेष बहस के दौरान हुई। राहुल गांधी के हस्तक्षेप से पहले राजनाथ सिंह ने हिंदी में कहा, “हमने रक्षा बलों को लक्ष्य चुनने और कड़ा जवाब देने की पूरी स्वतंत्रता दी।”उन्होंने आगे कहा, “इस ऑपरेशन का उद्देश्य युद्ध करना नहीं था, बल्कि दुश्मन को हमारी शक्तिशाली सेनाओं के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर करना था। 10 मई की सुबह, भारतीय वायु सेना द्वारा उनके कई हवाई अड्डों को नष्ट करने के बाद, पाकिस्तान ने हार मान ली और युद्धविराम की मांग की।” उन्हें यह कहते हुए रुकना पड़ा: “उन्होंने (पाकिस्तान ने) हमारे डीजीएमओ को बुलाया और कहा, ‘महाराज, अब रुकिए, बहुत हो गया।’ हमने इस शर्त के साथ उनका अनुरोध स्वीकार कर लिया कि…”इस पर राहुल थोड़ी देर के लिए उठे और पूछा, “तो आपने ऑपरेशन क्यों रोक दिया?” जब राजनाथ ने राहुल गांधी को बैठने का इशारा किया, तो सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसद भी भड़क उठे। फिर उन्होंने कहा कि यह क्यों रुका, इस बारे में मैं अपने भाषण में विस्तार से बता चुका हूँ। मैं विपक्ष के नेता के सवाल पूछने के अधिकार का सम्मान करता हूँ, लेकिन उन्हें मेरा पूरा भाषण सुनना चाहिए। सिंह ने लोकसभा में ‘‘पहलगाम में आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के मजबूत, सफल एवं निर्णायक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष चर्चा’’ की शुरुआत करते हुए यह भी कहा कि पाकिस्तान की तरफ से सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) के स्तर पर संपर्क कर आग्रह किया गया था कि अब कार्रवाई रोक दी जाए। उन्होंने विपक्ष पर भी निशाना साधा और कहा कि उसे यह सवाल पूछने के बजाय कि इस अभियान में भारत के कितने विमान गिरे, ऑपरेशन की सफलता पर बात करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने कार्रवाई इसलिए रोकी क्योंकि मिशन से पहले जो उद्देश्य तय किए गए थे, उन्हें पूरी तरह हासिल कर लिया गया। किसी दबाव में ऑपरेशन सिंदूर रोकने का आरोप बेबुनियाद है।’’ सिंह ने कहा, ‘‘मैं सदन को यह भी बताना चाहूंग कि किसी क्षेत्र पर कब्जा करना इस ऑपरेशन का मकसद नहीं था। इसका उद्देश्य पाकिस्तान द्वारा वर्षों से पाले गए आतंकवाद की नर्सरी का अंत करना था। उन लोगों को न्याय दिलाना था जिन्होंने पाक प्रायोजित पहलगाम हमले में अपने प्रियजनों को खो दिया।’’

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