दिल्ली विश्वविद्यालय में अभाविप का अनिश्चितकालीन धरना दूसरे दिन भी जारी, प्रशासन पर छात्र हितों की अनदेखी का आरोप

नई दिल्ली: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) और अभाविप समर्थित दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ द्वारा छात्र हितों को लेकर शुरू किया गया अनिश्चितकालीन धरना मंगलवार को दूसरे दिन भी आर्ट्स फैकल्टी में जारी रहा। 24 घंटे से अधिक समय से चल रहे इस प्रदर्शन में हजारों छात्र हिस्सा ले रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रों की मांगों पर ठोस कार्रवाई न करने के विरोध में यह धरना शुरू किया गया है।

धरने की शुरुआत 21 जुलाई को ‘छात्र अधिकार मार्च’ के साथ हुई, जो स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग से आर्ट्स फैकल्टी तक पहुंचा। अभाविप ने अपनी मांगों में सभी पीजी पाठ्यक्रमों के लिए एक समान शुल्क (वन कोर्स-वन फी), केंद्रीकृत होस्टल आवंटन प्रणाली, सभी कॉलेजों में आंतरिक शिकायत समिति का गठन और उसका प्रभावी संचालन, तथा कॉलेजों में मनमानी फीस वृद्धि वापस लेने की मांग शामिल की है। प्रशासन ने केंद्रीकृत होस्टल आवंटन की मांग पर सकारात्मक कदम उठाया है, लेकिन अन्य मुद्दों पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया है। अभाविप ने स्पष्ट किया है कि जब तक सभी मांगें पूरी नहीं होतीं, धरना जारी रहेगा।

अभाविप दिल्ली प्रदेश मंत्री सार्थक शर्मा ने कहा, “24 घंटे से अधिक समय से हम आर्ट्स फैकल्टी में डटे हैं, लेकिन प्रशासन ने हमारी ज्यादातर मांगों पर कोई रुख नहीं अपनाया। केंद्रीकृत होस्टल प्रणाली स्वागत योग्य है, लेकिन यह नाकाफी है। छात्र ठोस बदलाव चाहते हैं। हम यह संघर्ष तब तक जारी रखेंगे, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं।”

अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेन्द्र सिंह सोलंकी ने धरनास्थल पर पहुंचकर छात्रों का हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा, “दिल्ली विश्वविद्यालय एक प्रतिष्ठित संस्थान है, लेकिन छात्र बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। केंद्रीकृत होस्टल व्यवस्था एक शुरुआत है, लेकिन फीस निर्धारण और आईसीसी की कार्यप्रणाली जैसे मुद्दों का समाधान जरूरी है। यह आंदोलन जवाबदेही और समानता की लड़ाई है।”

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